Home National बुलडोजर एक्शन पर उठाया था सवाल, अब बनेंगे देश के नए CJI, कौन हैं जस्टिस बी आर गवई ?

बुलडोजर एक्शन पर उठाया था सवाल, अब बनेंगे देश के नए CJI, कौन हैं जस्टिस बी आर गवई ?

by Rishi
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Who Is Justice BR Gavai: जस्टिस बी आर गवई के नाम के सामने आने के बाद कई लोगों के मन में उनके बारे में जानने की इच्छा हो रही होगी. जस्टिस बी आर गवई दलित समुदाय से आते हैं.

Who Is Justice BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना जल्द ही रिटायर होने वाले हैं. उनकी जगह किसको अगला CJI बनाया जाएगा इससे भी पर्दा उठ गया है. सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश रामकृष्ण गवई को अगला मु्ख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश केंद्रीय कानून मंत्रालय को दे दी गई है. इसकी सिफारिश परंपरा के अनुसार वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने ही की है. जानकारी के मुताबिक CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है जिसके बाद 14 मई 2025 को गवई मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेकर अपना पद ग्रहण करेंगे.

जस्टिस बी आर गवई के पिता थे जाने-माने राजनेता

जस्टिस बी आर गवई के नाम के सामने आने के बाद कई लोगों के मन में उनके बारे में जानने की इच्छा हो रही होगी. जस्टिस बी आर गवई दलित समुदाय से आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने का बावजूद भी गवई का चयन किया जाना भारत के कोर्ट परंपरा की निष्पक्षता को दर्शाता है. उनके पिता आरएस गवई एक राजनेता के तौर पर सेवाएं दे चुके थे. उनके पिता की महाराष्ट्र में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(गवई) के नाम से एक पार्टी थी. लेकिन ये पार्टी राजनीति में कुछ खास नहीं कर सकी. लेकिन बावजूद इसके उनके पिता ने 1998 में लोकसभा का चुनाव जीता और देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा अमरावती से सांसद बने. उन्होंने कभी कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली लेकिन वो पार्टी से 40 सालों तक जुड़े रहे. जब देश में यूपीए की सरकार स्थापित हुई तो आरएस गवई को केरल, बिहार, सिक्किम का राज्यपाल बनाकर भी भेजा गया था.

कैसै हुई थी बी आर गवई के करियर की शुरुआत ?

जस्टिस बी आर गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में एक दलित परिवार में हुआ था. 16 मार्च, 1985 को वकील के तौर पर बी आर गवई ने अपने करियर की शुरुआत की. शुरुआती दौर में वह अपने सीनियर राजा एस. भोंसले के अधीन कार्य करते रहे. इसके बाद बी आर गवई ने 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में इंडिपेंडेंट रूप से वकालत करने का कार्य किया. 1998 के बाद बी आर गवई महाराष्ट्र हाईकोर्ट की नागुपर पीठ में प्रैक्टिस करते रहे. यहां प्रैक्टिस के दौरान गवई ने संवैधानिक और एडमिनिस्ट्रेटिव केसों में विशेषज्ञता प्राप्त की.

बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुनाया था फैसला

इसके अलावा बात करें हाल ही के फैसलो की तो बीआर गवई का नाम बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दिए गए फैसले के कारण चर्चाओं में भी आया था. बी आर गवई ने भाजपा शासित प्रदेशों में सरकारों द्वारा बुलडोजर एक्शन कर गरीब लोगों के घरों को तोड़ने के फैसले के खिलाफ एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था. जिसमें गवई ने साफ कहा था कि यह नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. अपने फैसले में उन्होंने कहा था कि घरों को तोड़ना एक परिवार के संविधान प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है.

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