Home Latest जानें क्या है हिजबुल मुजाहिदीन का इतिहास, घाटी में कैसे पाक के इशारे पर बना लोगों की जान का दुश्मन

जानें क्या है हिजबुल मुजाहिदीन का इतिहास, घाटी में कैसे पाक के इशारे पर बना लोगों की जान का दुश्मन

by Divyansh Sharma
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Hizbul Mujahideen: हिजबुल मुजाहिदीन जम्मू-कश्मीर में इस समय सबसे सक्रिय आतंकी संगठनों में सबसे बड़ा है. इसके आतंकी घाटी में दहशत फैलाने का काम करते हैं.

Hizbul Mujahideen: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के जवानों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों के जवानों गुरुवार को हिजबुल मुजाहिदीन के पांच टॉप आतंकियों का सफाया कर दिया है. मारे गए आतंकियों में कमांडर आतंकी फारूक अहमद भट उर्फ नाली भी शामिल था, जो दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन को फिर से जिंदा करने के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि हिजबुल मुजाहिदीन कौन है.

JKLF से मुकाबले के लिए हिजबुल की हुई स्थापना

बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन जम्मू-कश्मीर में इस समय सबसे सक्रिय आतंकी संगठनों में सबसे बड़ा है. हिजबुल मुजाहिदीन का कैडर कैडर बेस देशी और विदेशी फंडिंग से बना है. SATP यानी साउथ एशिया टेरिरिज्म पोर्टल के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन के आंतकी नियमित अंतराल पर घाटी में दहशत फैलाने का काम करते हैं.

आतंक निरोधक अधिनियम के प्रतिबंधित संगठनों में से एक है. ऐसे में भारत सरकार ने इसे बैन कर दिया है. इसे साल 1989 में अहसान डार ने भारत से पाकिस्तान जाकर बनाया था. साल 1993 में भारतीय सुरक्षाबलों के जवानों ने उसे गिरफ्तार कर लिया. दावा किया जाता है कि इसे भारत में बैन जमात-ए-इस्लामी संगठन के उग्रवादी विंग के रूप में बनाया गया.

SATP के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी की ओर से JKLF यानी जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI यानी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के इशारे पर हिजबुल की स्थापना की गई थी. हिजबुल के आतंकी पहले JKLF में ही थे. बाद में मोहम्मद यूसुफ शाह यानी सैयद सलाहुद्दीन को इसका संरक्षक और हिलाल अहमद मीर को लीडर बनाया गया. मतभेद होने के बाद यह दो गुटों में बंट गया. बाद में हिलाल अहमद मीर मारा गया. अब इसकी पूरी जिम्मेदारी सैयद सलाहुद्दीन पर ही है.

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PoK के मुजफ्फराबाद में हिजबुल का हेडक्वार्टर

PoK यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में इसका हेडक्वार्टर है. हिजबुल मुजाहिद्दीन साल 2000 में पहली बार चर्चा में आया था, जब अब्दुल मजीद डार ने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत सरकार के सामने युद्ध विराम की पेशकश की थी. बाद में भारत के साथ मिले होने के आरोप में अब्दुल मजीद डार की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

इसके बाद से हिजबुल ने भारत में कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है. अल-कायदा के लिए रिक्रूटमेंट, ISIS यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया की टुकड़ी में भी हिजबुल के आतंकी शामिल हैं. जम्‍मू-कश्‍मीर में अप्रैल 2014 में हुए बम धमाकों में 17 लोगों की मौत के पीछे भी हिजबुल का ही हाथ था.

साल 2017 में हिजबुल के आतंकियों ने जम्मू और कश्मीर राज्य में नकदी ले जा रही एक बैंक वैन पर हमला करके पांच पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों की हत्या कर दी थी. अब बताया जा रहा है कि गुरुवार को मारा गया आतंकी फारूक अहमद भट उर्फ नाली पर 10 लाख रुपये का इनाम था. उसे बुरहान वानी का आखिरी साथी बताया जाता है.

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