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MP News: जबलपुर में हवाई उड़ान कम करने का विरोध, 6 जून को ‘नो फ्लाइंग डे’ मनाने की अपील

by Pooja Attri
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Flight stop movement: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में खराब हवाई कनेक्टिविटी का विरोध किया जा रहा है जिसके चलते 6 जून को सरकार से ‘नो फ्लाइंग डे’ मनाने की अपील की है. वायुसेवा संघर्ष समिति का कहना है कि जबलपुर के लिए उड़ानों की संख्या अधिकारियों द्वारा कम कर दी गई है.

19 May, 2024

No flying day in jabalpur: मध्य प्रदेश के जबलपुर में कुछ लोगों ने छह जून को ‘नो फ्लाइंग डे’ मनाने की अपील की है. वे शहर में खराब हवाई कनेक्टिविटी का विरोध कर रहे हैं. लोग ‘वायुसेवा संघर्ष समिति’ के बैनर तले विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों ने जबलपुर के लिए उड़ानों की संख्या कम कर दी है. इससे यहां के लोगों, खास कर व्यापारियों, छात्रों और उन लोगों को परेशानी हो रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है.

वायु सेवा संघर्ष समिति जबलपुर में आंदोलन छेड़ रही

वायुसेवा संघर्ष समिति के हिमांशु खरे का कहना है कि ‘वायु सेवा संघर्ष समिति जबलपुर में एक आंदोलन छेड़ रही है. जिसका उद्देश्य है कि जबलपुर में जो फ्लाइट्स चलती थी और बंद हो गई है. उन्हें चालू किया जाए. हम लोग 6 तारीख को नो फ्लाइंग डे मना रहे हैं. उस दिन डुमना से कोई भी फ्लाइट न आए और ना जाए.’ लोग ‘वायुसेवा संघर्ष समिति’ के बैनर तले विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों ने जबलपुर के लिए उड़ानों की संख्या कम कर दी है. इससे यहां के लोगों, खास कर व्यापारियों, छात्रों और उन लोगों को परेशानी हो रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है.

फ्लाइट्स कनेक्टिविटी न होने के कारण समस्याएं

जबलपुर के निवासी कैलाश पारसवानी के अनुसार, ‘बिजनेसमैन जो बॉम्बे जाना चाहते हैं वो नहीं जा पाते हैं. किसी यात्री को इमरजेंसी में जाना है तो वो नहीं जा पाता है. बहुत सारे लोगों को बहुत सारी दिक्कतें हैं. बॉम्बे की तो 4-5 फ्लाइट चाल की जाए जबलपुर से तो फुल जाएगी.’ जबलपुर के निवासी तापस चटर्जी ने बताया, ‘फ्लाइट एक ऐसी चीज है जिसको लेकर हर फिल्ड में समस्याएं हैं. आप देखिए तो सेंट्रल इंडिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है जबलपुर. यहां कनेक्टिविटी नहीं होना काफी चीजों में शहर का पिछड़ापन हो जाता है. दूसरा, आपको अगर मेडिकल फैसिलिटी के लिए दूसरे महानगरों में जाना है तो उसकी उपलब्धता नहीं हो पाती है. तीसरा, यहां के बच्चे जो बाहर पढ़ रहे हैं, पूना में, मुंबई में, यहां-वहां उनको इशूज आते हैं फ्लाइट्स कनेक्टिविटी न होने के कारण.’

वायुसेवा संघर्ष समिति द्वारा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई

वायुसेवा संघर्ष समिति ने पहले प्रधानमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री समेत कई लोगों से चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने जबलपुर और प्रमुख महानगरों के बीच सीधी उड़ान की मांग की थी. वायुसेवा संघर्ष समिति मनु शरद तिवारी के मुताबिक, ‘जबलपुर में 14 फ्लाइट चलती थी. अब मात्र पांच फ्लाइटें बची हैं. यहां के तीन सांसद प्रतिनिधि हैं. हम बार-बार उनसे जाके बोल रहे हैं कि ये क्या हो रहा है जबलपुर के साथ? लेकिन कहीं ना कहीं अनदेखी हो रही है. उनकी आवाज दबाई जा रही है. सुनी नहीं जा रही है. ये कहना हमारे लिए तो बड़ा असमंजस में है. लेकिन जिस प्रकार से 14 से पांच पर आ गए हैं, ये बात तो तय है कि कहीं ना कहीं, जबलपुर का हक छीन के कहीं और ले जाया गया है.’ लोगों का कहना है कि जबलपुर में नया हवाई अड्डा बना है. इसके बावजूद यहां उड़ानों की संख्या कम कर दी गई है. ये जबलपुर के लोगों के साथ नाइंसाफी है.

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