Hindu muslim brotherhood in J&K: सदियों पुराने मंदिर की देखभाल मुस्लिम समुदाय कर रहा है. ये मंदिर जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के रिचवा गांव में स्थित है जो 100 साल से भी पुराना है. यहां धार्मिक भाईचारे की शानदार मिसाल देखने को मिल रही है.
19 May, 2024
Temple in jammu and kashmir: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के रिचवा गांव में धार्मिक भाईचारे की शानदार मिसाल देखने को मिलती है. यहां सदियों पुराने मंदिर की देखभाल मुस्लिम समुदाय करता है. गांव वालों ने बताया कि आसपास के लोग पूजा-पाठ और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए मंदिर में आते हैं. गांव की आबादी सौ फीसदी मुस्लिम है. यहां का हर शख्स मंदिर की देखभाल करना अपनी जिम्मेदारी मानता है.
मंदिर है हिंदू पुरखों की निशानी
राजौरी के एक निवासी अब्दुल कादिर का कहना है कि ‘आज तक कभी भी हमने यहां किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की है., हमने हमेशा यहां का ख्याल रखा है. हम ये ही सोचते हैं कि ये हमारे जो हिंदू हैं उनके पुरखो की निशानी है और इसकी वजह से हमारे गांव की रौनक है. यहां दूर-दूर से, जम्मू से लेकर रियासी से और भी दिल्ली से यहां पर लोग आते हैं. एक तो हमारे यहां बड़ी अच्छी जगह है, हमारे यहां जो ऊंची जगह है. यहां पर टूरिस्ट के लिए भी अच्छी जगह है.’
गांव में 100 प्रतिशत आबादी है मुस्लिम समुदाय
गांव वालों ने बताया कि आसपास के लोग पूजा-पाठ और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए मंदिर में आते हैं. गांव की आबादी सौ फीसदी मुस्लिम है. यहां का हर शख्स मंदिर की देखभाल करना अपनी जिम्मेदारी मानता है.
100 साल से भी पुराना है मंदिर
राजौरी के एक निवासी का कहना है कि ‘100 साल से भी पुराना ये मंदिर है जहां पर हम खड़े हैं तो मौजूदा वक्त में यानि की 20 साल से कोई भी हमारी हिंदू बिरादरी का, कोई भी एक घर यहां मौजूद नहीं है. वो लोग यहां से शिफ्ट हो चुके हैं. उसके बावजूद भी आज ये स्थान जो है बिल्कुल महफूज है.’
हिंदू समुदाय के लोग यहां से चले गए
राजौरी के एक निवासी अमांताफेल के अनुसार, ‘मुस्लिम होने के नाते भी यहां जो शिव जी का मंदिर है. उसको मेरे ख्याल में 30-40 साल हो गए हैं जो हमारे हिंदू बिरादरी के लोग थे वो नीचे शिफ्ट हो गए हैं. उसके बावजूद भी यहां के लोगों ने उसको बहुत संभाल कर रखा और इसकी देख-रेख में कोई भैंस ना आए अंदर, जैसे मान लो यहां के लोगों ने ये टैंक बनवाया, मंदिर के नाम पर तो यहां बहुत भाईचारे की मिसाल हैं.’
गांव के लोग गर्व से करते हैं मंदिर की देखभाल
राजौरी के एक और निवासी अब्दुल करीम का कहना है कि ‘मैं जब से यहां आया हूं, ऐसे ही देखा है और हिंदू बिरादरी जो भी है वो नीचे चली गई है. कोई ऐसी गड़बड़ नहीं है, जो भी है शांति से रहते हैं. मंदिर जो है ये मेरे पड़ोस में है, बगल में, इसकी देख-रेख हम करते रहते हैं. चाबी जो होती है वो भी हमें दे जाते हैं पंडित लोग, तो इसलिए हम इसकी पूरी हिफाजत करते हैं.’ सदियों पुराना मंदिर कश्मीर की विरासतों में एक है. गांव के लोग अपनी विरासत की देखभाल करने में गर्व महसूस करते हैं.
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