Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा 23 नवंबर को कर दी गई है जिसके चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रचंड जीत हासिल की है. लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के बाद से हेमंत सोरेन अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं.
Introduction
Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सत्ता में वापसी कर इतिहास रचने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. यह उनकी शारीरिक भाषा से भी स्पष्ट हो रहा है. लगातार चुनाव जीतकर चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले हेमंत सोरेन इस बार अधिक आक्रामक हैं और रणनीति बनाकर सरकार चलाने की कोशिश में हैं. इस कड़ी में बिहार से सटे झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट का विस्तार भी हो गया. इसमें गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को भी भागीदारी दी गई है. यह मंत्रिमंडल विस्तार में भी देखने को मिला. झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. यह विस्तार हेमंत सोरेन के सीएम पद के शपथ लेने के 6 दिन बाद हुआ. रांची स्थित राजभवन के अशोक उद्यान में 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 7, कांग्रेस के 4 और राष्ट्रीय जनता दल का 1 विधायक शामिल है. इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं आखिर किस-किस विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली है?
Table Of Content
- छत्तरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर
- चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
- बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
- गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
- घाटशिला सीट से विधायक रामदास सोरेन
- जामताड़ा सीट से विधायक इरफान अंसारी
- मधुपुर सीट से विधायक हफीजूल हसन
- महागामा सीट से विधायक दीपिका पांडेय सिंह
- गोमिया सीट से विधायक योगेन्द्र प्रसाद
- गिरिडीह सीट से विधायक सुदिव्य कुमार
- मांडर सीट से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की
छत्तरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर
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हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में छतरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर को भी शामिल किया गया है. उन्हें सहयोगी कांग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री बनाया गया है. कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर को 2024 के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पुष्पा देवी देवी से कड़ी टक्कर मिली थी. राधाकृष्ण किशोर ने मात्र 736 वोटों से जीत हासिल की. वहीं, राधाकृष्ण किशोर को कुल 71,857 वोट मिले तो भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी पुष्पा देवी को 71,121 वोट मिले. इस तरह राधाकृष्ण किशोर ने बाजी मार ली और अब हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन गए हैं. राधाकृष्ण किशोर की बात करें तो उन्होंने कई पार्टियों के साथ काम किया है, लेकिन जो पहचान उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा से मिली वह किसी और पार्टी से नहीं मिली. वर्ष 2014 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन साल 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वो ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के टिकट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए. फिर आजसू छोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए, लेकिन एक बार फिर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव लड़ा.
चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के दीपक बिरुवा पहली बार मंत्री बने हैं. दीपक बिरुवा को चाईबासा विधानसभा सीट से मंत्री बनाया गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं जब वह विधानसभा जा रहे हों. इसके पहले दीपक बिरुवा 4 बार विधायक रहते हुए विधानसभा पहुंचे हैं. दीपक बिरुवा ने प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी गीता बालमुचू को 64 हजार 835 मतों के बड़े अंतर से हराया. दीपक बिरुवा को इस चुनाव में कुल 1 लाख 7 हजार 367 मत प्राप्त हुए, जबकि गीता बालमुचू को मात्र 42 हजार 532 मत मिले.
बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा ने दीपक बिरुवा के बाद मंत्री के रूप में शपथ ली. चमरा लिंडा ने झामुमो के टिकट पर बिशुनपुर विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की. हालांकि वो पहली बार मंत्री बने हैं. इससे पहले साल 2024 में ही लोकसभा चुनाव में गठबंधन के खिलाफ जाकर उन्होंने लोहरदगा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, पर इस चुनाव में चमरा लिंडा कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर चमरा लिंडा को झामुमो से निलंबित कर दिया गया था. चमरा लिंडा को इस चुनाव में कुल 10,0336 वोट मिले हैं.
गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
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झारखंड मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे चौंकाने वाला नाम राष्ट्रीय जनता दल से संजय प्रसाद यादव का है. हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में राजद की ओर से देवघर विधायक सुरेश पासवान के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. उनकी जगह गोड्डा के विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री पद दिया गया. संजय यादव तीसरी बार राजद से विधायक बने हैं. इससे पहले वे 2000 और 2009 में गोड्डा से विधायक रह चुके हैं. इसके साथ ही वह लालू प्रसाद यादव के परिवार के काफी करीबी भी माने जाते हैं.
घाटशिला सीट से विधायक रामदास सोरेन
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रामदास सोरेन को कोल्हान का मजबूत नेता माना जाता है, लेकिन वह इस बार घाटशिला से विधायक बने हैं. उन्होंने चंपई सोरेन के बेटे बाबू लाल सोरेन को शिकस्त दी. इस समय उनके पास जल संसाधन विभाग मंत्रालय, उच्च शिक्षा मंत्रालय और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय जैसे विभाग शामिल हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के रामदास सोरेन को 98356 वोट मिले, जबकि बाबू लाल सोरेन को 75910 वोट मिले.
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जामताड़ा सीट से विधायक इरफान अंसारी
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इरफान अंसारी को हेमंत सोरेन ने एक बार फिर अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है. इरफान अंसारी जामताड़ा सीट से विधायक बने हैं. अगस्त 2019 से अगस्त 2021 तक झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. इस सीट पर BJP ने सीता सोरेन को खड़ा किया था, लेकिन वह हार गई. इरफान अंसारी को इस सीट पर कुल 133266 वोट मिले, जबकि सीता सोरेन को 89590 वोट मिले.
मधुपुर सीट से विधायक हफीजूल हसन
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हेमंत सोरेन की कैबिनेट में अल्पसंख्यक समुदाय से 2 मंत्री बनाए गए हैं, इनमें पहला नाम डॉ. इरफान अंसारी है तो दूसरे हफीजुल हुसैन हैं. हफीजुल हुसैन इसके पहले भी हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. साल 2021 के उपचुनाव में पहली बार हफीजुल मधुपुर से विधायक बने थे. उस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त दी. मधुपुर विधानसभा की जनता ने हाफिजुल हसन को कुल 143953 वोट दिए, जबकि BJP के गंगा नारायण को 123926 ही वोट मिले. दोनों के बीच जीत-हार का अंतर 20027 वोटों का रहा है.
महागामा सीट से विधायक दीपिका पांडेय सिंह
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महागामा विधानसभा से विधायक दीपिका पांडेय सिंह एक बार फिर से मंत्री बन गई हैं. दीपिका पांडेय सिंह इससे पहले भी हेमंत सोरेन 2.0 सरकार में बतौर मंत्री कृषि, पशुपालन सहकारिता विभाग और आपदा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. इस चुनाव में एक बार फिर से जीत दर्ज कर दीपिका विधानसभा पहुंची हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अशोक भगत को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा किया है. इस चुनाव में दीपिका ने भाजपा प्रत्याशी अशोक भगत को 18,645 वोटों से मात दी. दीपिका को कुल 1,14,069 वोट मिले, जबकि अशोक भगत को मात्र 95,424 वोट मिले.
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गोमिया सीट से विधायक योगेन्द्र प्रसाद
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गोमिया विधायक योगेन्द्र प्रसाद ने भी हेमंत सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. करीब 21 साल बाद गोमिया के किसी विधायक को एक बार फिर मंत्री बनने का मौका मिला है. योगेन्द्र प्रसाद ने लगभग 95 दजार वोटों से जीत हासिल की है. इससे पहले 2014 में लगभग 97 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी और उस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी माधवलाल सिंह को शिकस्त दी थी.
गिरिडीह सीट से विधायक सुदिव्य कुमार
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दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार को आखिरकार मंत्री पद मिल ही गया. उन्हें करीब 94 हजार वोट मिले हैं. सुदिव्य कुमार को करीब 94 हजार वोट हासिल हुए. वहीं, भाजपा के निर्भय शाहाबादी को 90 हजार के करीब मत मिले. इस तरह करीब 3 हजार 838 वोटों के अंतर से सुदिव्य कुमार जीत गए.
मांडर सीट से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की
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मांडर विधानसभा क्षेत्र से सबसे युवा चेहरा शिल्पी नेहा तिर्की दूसरी बार मंत्री बनी हैं. उन्हें कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया था. शिल्पी ने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सन्नी टोप्पो को 22,803 से वोटों से हराया. शिल्पी नेहा तिर्की को कुल 1 लाख 35 हजार 936 वोट मिले थे जबकि भाजपा की सन्नी टोप्पो को मात्र 1 लाख 13 हजार 133 वोट ही मिले. लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचने के बाद मंत्री पद की उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी.
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