Pryaraj Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है.
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा महाकुंभ 2025 (Pryaraj Mahakumbh 2024) इस बार अधिक भव्य होगा. इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल को प्लास्टिक फ्री करने पर भी काम हो रहा है. इसके लिए विभिन्न दोनों और पत्तल विक्रेताओं को दुकान आवंटन की गई है और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका असर भी यहां की दुकानों पर नजर आने लगा है. दरअसल, इस बार महाकुंभ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की अनूठी पहल भी की जा रही है. इसके तहत प्लास्टिक फ्री महाकुंभ (Plastic Mahakumbh 2024) का संकल्प लिया गया है. इस अभियान का उद्देश्य श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना और प्लास्टिक के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित करना है. इसके लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर विभागीय समन्वय के साथ ही कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं.
प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ पहल में हर घर को शामिल करने के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान भी शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा, श्रद्धालुओं को सूचित रखने और प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए सभी सुविधा पर्चियों के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है. महाकुंभ में सभी संस्थानों और विक्रेताओं को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें उन्हें प्लास्टिक मुक्त दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है और अनुपालन न करने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी. यहां पर बता दें कि महाकुंभ का आयोजन आगामी 13 जनवरी, 2025 से लेकर 26 फरवरी, 2025 तक किया जाएगा.
प्लास्टिक के विकल्पों को किया जाएगा प्रोत्साहित
प्लास्टिक मुक्त वातावरण प्राप्त करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. बयान में यह भी कहा गया है कि आवंटन प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी, जिससे मेला क्षेत्र प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार, प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 400 स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ एक विशेष स्वच्छता बैठक आयोजित की गई है, जिसमें छात्रों को स्वच्छता का दूत बनाया गया है.
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पर्यावरण के अनुकूल होगा महाकुंभ
इस पहल का उद्देश्य प्रयागराज के 4 लाख बच्चों और 5 गुना नागरिकों तक पहुंचना है, ताकि स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल महाकुंभ का संदेश फैलाया जा सके. मेले में स्वच्छता अभियान का नेतृत्व करने और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 1,500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनात किया जा रहा है. उनका प्रशिक्षण चल रहा है और आवश्यकतानुसार उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.
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