Maharana Pratap Jayanti 2024: महाराणा प्रताप की लंबाई 7 फीट और वजन 110 किलोग्राम था, तथा वे 72 किलो के छाती कवच, 81 किलो के भाले, 208 किलो की दो वजनदार तलवारों को अपने साथ लेकर चला करते थे.
09 May, 2024
Maharana Pratap Jayanti 2024: महाराणा प्रताप की लंबाई 7 फीट और वजन 110 किलोग्राम था, तथा वे 72 किलो के छाती कवच, 81 किलो के भाले, 208 किलो की दो वजनदार तलवारों को अपने साथ लेकर चला करते थे. वे कुटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ, मानसिक व शारीरिक क्षमता में अद्वितीय थे. साथ ही बता दें कि महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था.
Maharana Pratap Jayanti 2024: महाराणा प्रताप मेवाड़ के काफी महान हिंदू शासक थे. जानकारी के लिए बता दें कि 16वीं शाताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो की अकबर को टक्कर दिया करते थे. तो चलिए जानते है उनसे जुड़ी कुछ अनोखी बातें.
- 1576 ई. 18 जून में महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच में हल्दीघाटी पर लड़ा गया था. राणा और अकबर के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह ही विनाशकारी सिद्ध हुआ था.
- हल्दीघाटी युद्ध के में ऐसा माना जाता है कि युद्ध में अकबर न तो जीत सका और न राणा हारे थे. बता दें कि मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा के पास जुझारू शक्ति की कोई भी कमी नहीं थी.
- महाराणा प्रताप का भाला ही केवल 81 किलों वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था. उनका भाला, कवच, ढाल और साथ में 2 तलवारों का वजन कुल मिलाकर 208 किलो हुआ करता था.
- जानकारी के लिए बता दें कि महाराणा प्रताप हल्दी घाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पास केवल 20000 सैनिक थे और अकबर के पास 85000 सैनिक. इसके अलावा बता दें कि महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी थी. बावजूद इसके पूरी हिम्मत के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे.
- ऐसा कहा जाता है कि अकबर ने महाराणा प्रताप को केवल समझाने के लिए 6 शान्ति दूतों को भेजा था. इसके बाद युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म किया जा सके. उधर महाराणा प्रताप ने उनका प्रस्ताव यह कह कर ठुकरा दिया कि राजपूत योद्धा कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करते
यह भी पढ़ें : Char Dham Yatra 2024: खुलने जा रहे हैं केदारनाथ मंदिर के कपाट, शुरू होगी चार धाम यात्रा