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NITI Aayog : क्या है नीति आयोग? जिसको माना जाता है भारत सरकार का थिंक टैंक

by Live Times
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NITI Aayog: क्या है नीति आयोग? जिसको माना जाता है भारत सरकार का थिंक टैंक

NITI Aayog Meeting : नीति आयोग देश की आर्थिक नीतियों को बनाने का काम करता है. साथ ही इसे भारत सरकार का थिंक टैंक भी कहा जाता है.

27 July, 2024

NITI Aayog : नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) भारत सरकार का थिंक टैंक है. इसकी बैठक अहम मानी जाती है. आने वाले वर्षों में देश का विकास मॉडल क्या होगा? इस पर भी मंथन होता है. चलिए हम आपको बताते हैं कि नीति आयोग क्या है और यह कैसे काम करता है, इसमें कौन-कौन भाग लेता है?

कब हुई थी NITI Aayog की स्थापना

NITI Aayog की स्थापना 1 जनवरी, 2015 को हुई थी. NITI यानी देश में आर्थिक गतिविधियों पर फैसले लेने वाला राष्ट्रीय संस्थान. इससे पहले साल 1950 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने पॉलिसी बनाने के लिए योजना आयोग (Planning Commission) का गठन किया था, जो पांच वर्षों के लिए पंचवर्षीय योजना बनाता था और विभिन्न सेक्टरों में एक निश्चित विकास का लक्ष्य रखता. इसके बाद देश के अलग-अलग सेक्टरों में किए गए विकास कार्यों का मूल्यांकन भी करता था. वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई और उसके एक साल बाद योजना आयोग को भंग कर दिया गया. इसके बाद ही मोदी सरकार ने नीति आयोग की स्थापना की.

आयोग का लक्ष्य लगातार विकास पर जोर देना

NITI Aayog को भारत का ‘थिंक टैंक’ माना जाता है. नीति आयोग देश के लगातार विकास (Sustainable Development) का लक्ष्य निर्धारित करने पर काम करती है. इसके अलावा, आयोग केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए विकास को तेजी प्रदान करने का काम करता है, क्योंकि देश के विकास में राज्यों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बता दें कि योजना आयोग की जगह नीति आयोग को लाने के लिए अर्थशास्त्रियों, मुख्यमंत्रियों, विशेषज्ञों और आम जनता से गहन विचार-विमर्श किया गया था.

काउंसिल मीटिंग में कौन होता है शामिल ?

नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, जबकि केंद्र शासित प्रदेश और राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल/उपराज्यपाल गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होते हैं. वर्तमान समय में पीएम मोदी इसके अध्यक्ष हैं और उपाध्यक्ष सुमन बेरी हैं. इसके स्थाई सदस्यों का चयन प्रधानमंत्री की अनुमति के बाद ही होता है. इस समय इसके स्थाई सदस्य वीके पॉल (पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट), वीके सारस्वत (पूर्व DRDO प्रमुख), अरविंद विरमानी (अर्थशास्त्री) और रमेश चंद (कृषि विशेषज्ञ) हैं. साथ ही इसके पदेन सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री होते हैं. इसके अलावा गवर्निंग काउंसिल में आमंत्रित सदस्य भी हिस्सा लेते हैं.

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