No-Detention Policy For Class 5 And 8: ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ के खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल माना जाएगा.
No-Detention Policy For Class 5 And 8: केंद्र सरकार ने कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए बहुत बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ने छात्रों के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है. इस कारण कक्षा 5 और 8 में पढ़ रहे छात्र अगर साल के अंत में होने वाली परीक्षा में पास नहीं होते हैं तो फिर उन्हें दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इससे पहले उन छात्रों को प्रमोट किया जाता था.
बच्चों को दोबारा परीक्षा देने का मिलेगा मौका
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है. इसके तहत कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल माना जाएगा. इसके साथ ही फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इस बीच अगर वह फिर से फेल होते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा.
इसके साथ ही स्कूलों को भी निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल 8वीं कक्षा तक किसी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा. भारत सरकार ने बच्चों में सीखने के परिणाम को बेहतर बनाने के इरादे से यह फैसला लिया है. बता दें कि RTE यानी साल 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन के बाद कम से कम 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही दो कक्षाओं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया था.
यह भी पढ़ें: Maha Kumbh में स्नाइपर्स की तैनाती, 7 लेयर्स की सुरक्षा; इस तरह आपकी रक्षा करेगी यूपी पुलिस
बच्चों को स्कूल ने नहीं निकाला जाएगा
वहीं, राजपत्र अधिसूचना के अनुसार दोबारा फेल होने की स्थिति में टीचर और स्कूल प्रबंधन बच्चे के साथ-साथ और बच्चे के माता-पिता का भी मार्गदर्शन करेगा. इसके साथ ही बच्चे की सीखने की क्षमता की पहचान करने के बाद विशेष जानकारी देगा. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल से किसी भी हाल में नहीं निकाला जाएगा.
शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह अधिसूचना केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार की ओर से चल रही 3 हजार से अधिक स्कूलों पर लागू होगी. शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को इस संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने को कहा है. हरियाणा और पुदुचेरी ने अभी तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
यह भी पढ़ें: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ, जानें अयोध्या में कब और किस तरह मनाया जाएगा उत्सव
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram