Pahalgam Terror Attack : पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गमगीन है. साथ ही इस तरह के कायराना हमले से काफी रोष में भी है. दूसरी तरफ मारे गए लोगों के परिवार शोक में डूब गए हैं और अब उनके शवों को परिजनों के पास पहुंचाया जा रहा है.
Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 2 विदेशी समेत 26 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं. इसी मृतक लोगों के शवों को उनके राज्यों में परिजनों के पास पहुंचाया जा रहा है. इसी कड़ी में गुजरात के तीन पर्यटकों के शव अहमदाबाद और सूरत पहुंच गए हैं. मंगलवार की दोपहर को हुए हमले में सूरत के सूरत के शैलेश कलाथिया, भावनगर के यतीश परमार और उनके बेटे स्मित मारे गए थे. इसी बीच यतीश परमार और उनके बेटे स्मित के पार्थिव शरीर को मुंबई से एक विमान से अहमदाबाद के एयरपोर्ट पर लाया गया है. वहीं, कलाथिया का शव बुधवार को दूसरे विमान से सूरत एयरपोर्ट से लाया गया.
दिवंगत आत्माओं को दी पुष्पांजलि
गुजरात में शव पहुंचने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल और स्वास्थ्य राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने हवाई अड्डे पर दिवंगत आत्माओं को पुष्पांजलि अर्पित की है. इसी बीच एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि हवाई अड्डे से परमार और उनके के शवों को शवगृह वैन में भावनगर से ले जाया गया. दूसरी तरफ सूरत से हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल और अन्य गणमान्य लोगों ने मुंबई से उनके पार्थिव को लाए जाने के बाद कलथिया को पुष्पांजलि अर्पित की है. इसके अलावा हमले के दौरान कलथिया के परिवार के कुछ लोग बच गए थे जिसमें उनकी पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं, इन्हें विमान से सूरत में लाया गया.
अंतिम संस्कार शामिल होंगे सीएम पटेल
इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) पहले से ही भावनगर पहुंच गए हैं और वह गुरुवार को यतीश-स्मित परमार के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया है कि गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी गुरुवार सुबह सूरत में कलथिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. वहीं, कलथिया के परिवार ने बताया कि अमरेली जिले के रहने वाले पिता हिम्मतभाई सूरत पहुंच गए हैं. दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक, भावनगर शहर के कलियाबीड़ी इलाके के रहने वाले यतीश परमार और उनके बेटे स्मित उन 19 लोगों में शामिल थे जो 16 अप्रैल को होने वाले मोरारी बापू के प्रवचन में शामिल होने के लिए कश्मीर पहुंचे थे.
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