Mohan Bhagwat News : मोहन भागवत ने कहा कि कुछ तत्व हैं जो भारत का विकास नहीं चाहते, वो इसके विकास के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं.
Mohan Bhagwat News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कुछ तत्व हैं जो भारत का विकास नहीं चाहते, वो इसके विकास के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं, लेकिन इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने धर्म को लेकर कहा कि धर्म का मतलब सिर्फ पूजा नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक अवधारणा है जिसमें सत्य, करुणा, समर्पण शामिल है.
धर्म की सही मतलब बताया
उन्होंने कहा कि धर्म एकता के मूल में है. एकता का यह सूत्र धर्म से लिया गया है. मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का अर्थ पूजा (अनुष्ठान) नहीं है और ना ही धर्म का अर्थ यह है कि यह खाओ, वह मत खाओ. धर्म का अर्थ है सत्य, करुणा, तपश्चर्या ( समर्पण ) इन बातों पर शर्म क्यों? उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी सुभाष चंद्र बोस द्वारा लिखी गई एक किताब का हवाला देते हुए बताया कि ब्रिटिश शासक भारत को कैसे देखते थे. उन्होंने तर्क दिया कि सुभाष चंद्र बोस ने किताब में लिखा है कि भारतवर्ष सिर्फ हिंदू धर्म के कारण एकजुट रहा है.
भारत के विकास की राह में बाधा पैदा कर रहे कुछ लोग
मोहन भागवत ने कहा कि ‘हिंदू’ शब्द एक विशेषण है जो विविधताओं को स्वीकार करने का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि अतीत में भारत पर बाहरी आक्रमण बड़े पैमाने पर दिखाई देते थे इसलिए लोग सतर्क थे, लेकिन अब वे विभिन्न रूपों में सामने आ रहे हैं. मोहन भागवत ने कहा कि कुछ लोग भारत के विकास की राह में बाधाएं पैदा कर रहे हैं और वैश्विक मंच पर इसके उदय से भयभीत हैं, लेकिन वो इसमें सफल नहीं होंगे. जिन लोगों को डर है कि अगर भारत बड़ा हो गया, तो उनके कारोबार बंद हो जाएंगे, ऐसे तत्व देश के विकास के रास्ते में बाधा पैदा करने और अपनी सारी ताकत झोंकने का काम कर रहे हैं.
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