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CAA को लेकर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का बड़ा बयान

7 दिनों में लागू होगा CAA- शांतनु

by Farha Siddiqui
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CAA will be implemented in 7 days- Shantanu

29 January 2024

केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने सीएए को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होनें कहा कि सीएए एक हफ्ते के अंदर देश में लागू कर दिया जाएगा।

मटुआ समुदाय के नेता ठाकुर ने कहा, ‘‘सीएए बहुत जल्द लागू किया जाएगा”। उन्होनें कहा कि विवादास्पद कानून को 7 दिनों में तेजी से कार्यान्वित किया जाएगा। “ये मेरी गारंटी है, इसे 7 दिनों के अंदर लागू किया जाएगा”। उन्होंने दावा किया कि इस साल लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा।

सीएए के कार्यान्वयन पर ठाकुर का दावा इस महीने की उन रिपोर्ट के बीच आया है, जिसमें कहा गया है कि कानून के नियमों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से “काफी पहले” अधिसूचित किया जाएगा।

शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के मटुआ समुदाय के बहुलता वाले इलाके बोंगांव से बीजेपी के सांसद हैं।

ममता सरकार ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

ठाकुर की इस टिप्पणी के बाद ममता सरकार की इस पर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। टीएमसी ने सीएए का पुरजोर विरोध किया और इसे ‘‘विभाजनकारी’’ करार दिया।

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, हमारी पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा है कि पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। बीजेपी नेता लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के झूठे वादे करके राजनीतिक नौटंकी करने की कोशिश कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की अनुसूचित जाति की आबादी में मटुआ समुदाय का एक बड़ा हिस्सा है। 1950 के दशक से इस समुदाय ने बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के चलते पश्चिम बंगाल की तरफ पलायन करना शुरु किया था। मटुआ समुदाय अपनी आबादी और एक साथ मतदान करने की आदत के चलते अल्पसंख्यकों की तरह एक अहम वोट बैंक माना जाता हैं। नब्बे के दशक के बाद से ही पश्चिम बंगाल में तमाम राजनीतिक दल मटुआ समुदाय के लोगों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करते रहें हैं। माना जा रहा है कि सीएए लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा मटुआ समुदाय को होगा।

गौरतलब है कि साल 2019 में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाए गए सीएए का मकसद 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

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