Waqf Board Amendment Bill: केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है, यह मुसलमान विरोधी नहीं है.
Waqf Board Amendment Bill: अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया. बिल पेश करते ही सदन में घमासान मच गया. बिल को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा कर दिया. इस बिल का कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, NCP-शरद गुट, AIMIM, CPI-M, IUML, DMK और RSP के सांसदों ने विरोध जताया. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि केंद्र की NDA सरकार समुदायों के बीच विवाद पैदा करना चाहती है. सरकार का इरादा ठीक नहीं है. वहीं, NDA के सहयोगी दल के JDU के सांसद और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है, यह मुसलमान विरोधी नहीं है. अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से वक्फ संशोधन बिल 2024 को ज्वाइंट संसदीय कमेटी को भेजने की सिफारिश की गई है.
विपक्षी सांसदों ने सरकार पर लगाए बड़े आरोप
समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यह बिल सोची समझी राजनीति के तहत पेश किया गया है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का कोई मतलब ही नहीं है. उन्होंने जिलाधिकारी को ताकत देने पर कहा कि इससे गड़बड़ी होगी. कट्टर समर्थकों की तुष्टीकरण के लिए यह बिल लाया जा रहा है. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि वक्फ मस्जिदों का प्रबंधन करता है. सरकार वक्फ की शक्तियों खत्म करना चाहती है और जिलाधिकारियों को ताकतवर बनाना चाहती है. लोकसभा में बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल मुस्लिम हक के खिलाफ है. उन्होंने बिल को मजहबी दखलअंदाजी बताते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाएगा. TMC के सांसद सुदीप बंधोपाध्याय और DMK के सांसद के. कनिमोझि ने भी विरोध जताते हुए इस बिल को संविधान विरोधी बता दिया.
वक्फ की प्रॉपर्टी आम लोगों की नहीं- असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी आम लोगों की प्रॉपर्टी नहीं है. वक्फ की संपत्ति का मतलब मस्जिद और दरगाह की जगह है. सरकार को मुस्लिमों का दुश्मन बताते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को मेंबर बनाए. क्या वह बिलकिस बानो को मेंबर बनाने देंगे. DMK सांसद एम के कनिमोझी ने इसे आर्टिकल 30 का सीधा उल्लंघन बताते हुए कहा कि सरकार इस बिल से विशेष धर्म समूह को टारगेट कर रही है. वहीं NCP-शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इस बिल को या तो वापस लिया जाए या सरकार इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दे. उन्होंने आरोप लगाया कि बिल को सांसदों को देने से पहले मीडिया में रिलीज किया गया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 6 अगस्त को बिल की कॉपी सांसदों को भेज दी गई थी.
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हाई कोर्ट ने जताई आपत्ति, पंजाब-हरियाणा कोर्ट के जज ने कर डाली हैरान कर देने वाली टिप्पणी!
यह दमनकारी कानून है- अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू
BJP सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि हमेशा विरोध करना विपक्ष का काम है. विपक्ष सही को भी बुरा बताता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई अच्छी योजनाएं लागू कर रहे हैं. तेलुगु देशम पार्टी के सांसद ने भी समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिमों और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के हित में है. इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाया जाएगा. दूसरी ओर, शिवसेना-शिंदे गुट के सांसद श्रीकांत शिंदे ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि देश में एक ही कानून चलेगा. अलग कानून की जरूरत ही क्यों है. संविधान के नाम विपक्ष पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं. इस बिल से महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ेगी. अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल पेश करते हुए कहा कि यह दमनकारी कानून है. उन्होंने दावा किया कि आम मुस्लिमों की ओर से भी वक्फ विधेयक जल्द लाने की मांग और दबाव है.
सबसे ज्यादा संपत्ति के मामले में वक्फ तीसरे नंबर पर
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि वक्फ बोर्ड अपने अधिकारों और शक्तियों का गलत फायदा उठा रहा है. बता दें कि भारत सरकार और भारतीय रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास तीसरे नंबर पर देश में सबसे ज्यादा संपत्ति है. विधेयक पेश किए जाने से पहले इसकी कॉपी मंगलवार की रात को सभी सांसदों के बीच बांटी गई. विधेयक में वक्फ बोर्ड की धारा-40 को खत्म किया जाएगा. दरअसल, वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 के तहत वक्फ बोर्ड को इस बात का अधिकार है कि वह किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित कर सकता है. विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड्स में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के प्रतिनिधित्व की भी बात कही गई है. विधेयक में बोहरा और आगाखानी के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड बनाने का भी प्रस्ताव शामिल है.
यह भी पढ़ें: क्या NCERT ने किताबों से हटाई संविधान की प्रस्तावना? कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा, मोदी सरकार ने किया इन्कार