Home Politics SC में AAP की सफाई ‘जमीन पर नहीं किया कब्जा’

SC में AAP की सफाई ‘जमीन पर नहीं किया कब्जा’

AAP के ऑफिस के लिए दूसरी जगह की मांग

by Farha Siddiqui
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aap in supreem court

16 Febryary 2024 

दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने राउज एवेन्यू में स्थित पार्टी के ऑफिस की जमीन विवाद मामले में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा। सुप्रीम कोर्ट में “आप” ने कहा कि हमने राउज एवेन्यू में हाईकोर्ट की जमीन पर ‘अतिक्रमण’ नहीं किया है और पार्टी को 2015 में यह जगह अलॉट की गयी थी।

दूसरी जगह जमीन अलॉट की जाए- AAP

राउज एवेन्यू में स्थित “आप” के ऑफिस को तत्काल प्रभाव से खाली करने के निर्देश के खिलाफ “आप” ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जमीन मामले पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह अपना ऑफिस वहां से खाली करने को तैयार हैं। इसके साथ ही “आप” ने कोर्ट से ये सुनिश्चित करने की अपील की है कि उसे राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते दूसरी जगह जमीन आवंटित की जाए। आप ने कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक राष्ट्रीय पार्टियां दिल्ली में जगह पाने की हकदार हैं। आप ने एक अर्जी दाखिल करते हुए दावा किया कि उस जगह पर ‘अतिक्रमण’ का कोई सवाल ही नहीं उठता जो उसे 2015 में आवंटित की गई थी। और तब से वह जमीन उन्हीं के पास है।

एडवोकेट प्रतीक चड्ढा की अर्जी में लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा गया कि अगर वह तुरंत इस जगह को खाली कर देतें हैं तो उनके ऑफिस के लिए फिलहाल कोई जगह नहीं है। जबकि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक नेशनल पार्टियां दिल्ली में ऑफिस के लिए जमीन पाने की हकदार हैं। जिस जमीन पर अतिक्रमण की बात कही जा रही है। उसे 31 दिसंबर 2015 को दिल्ली सरकार को स्टेट यूनिट ऑफिस के लिए आधिकारिक तौर पर आवंटित किया गया था।

 AAP एक राष्ट्रीय पार्टी

एडवोकेट की दी हुई अर्जी के मुताबिक 2015 में जमीन के अलॉटमेंट के बाद से “आप” एक नेशनल पार्टी बन चुकी है। AAP के दर्जे में बदलाव ने दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र में ऑफिस की उसकी जरूरत के साथ-साथ उसके अधिकार को भी पांच दूसरी राष्ट्रीय पार्टियों के बराबर बढ़ा दिया है। ये सभी पार्टियां उसी जगह पर इस तरह के समान अलॉटमेंट का फायदा उठा रही हैं।”

आप का कहना है कि हमने अपने स्टेट यूनिट ऑफिस के लिए इस तरह की वैकल्पिक जगह के लिए 20 मई, 2017 और पांच जून, 2017 को लेटर लिखकर अनुरोध किया था लेकिन 13 जून, 2017 को लेटर के जरिए उन रिक्वेस्टों को अस्वीकार कर दिया गया। हालांकि 17 अप्रैल, 2023, 20 अप्रैल, 2023, 22 अगस्त, 2023 और 13 सितंबर, 2023 को बार-बार पत्र लिखकर की गई रिक्वेस्ट के बावजूद कोई जगह अलॉट नहीं की गई है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को दिल्ली सरकार और दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस जमीन पर “आप” द्वारा किए गए ‘अतिक्रमण’ को हटाने के लिए एक बैठक करने का निर्देश दिया था।

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