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Champai Soren ने JMM छोड़ने का दिया संकेत, कहा- मैं आंसुओं को संभालने में था लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से था मतलब

by Divyansh Sharma
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Champai Soren ने JMM छोड़ने का दिया संकेत, कहा- मैं आंसुओं को संभालने में था लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से था मतलब- Live Times

Jharkhand Politics: चंपई सोरेन (Champai Soren) ने अपने ‘X’ हैंडल पर एक लंबा पोस्ट कर बड़ा संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था.

18 August, 2024

Jharkhand Politics: झारखंड में आने वाले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले दावा किया जा रहा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से नाराज चल रहे हैं और जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं. इसी बीच रविवार को दिल्ली पहुंचे चंपई सोरेन ने अपने ‘X’ हैंडल पर एक लंबा पोस्ट कर बड़ा संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था.

‘मैंने निष्ठा के साथ किया कर्तव्यों का निर्वहन’

रविवार को दिल्ली पहुंचे चंपई सोरेन ने अपने ‘X’ हैंडल पर गंभीर बातें कहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ब्लॉक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि आज की खबरें देखने के बाद आप सभी के मन में कई सवाल खड़े हो रहे होंगे. आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया. इसी बीच 31 जनवरी को I.N.D.I.A. ब्लॉक गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना. अपने कार्यकाल के दौरान मैंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. इसी बीच हूल दिवस के अगले दिन मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व की ओर से स्थगित करा दिया गया है. इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम PGT शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था. पूछने पर पता चला कि गठबंधन की ओर से 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप CM के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते.

किस के पास जाकर अपनी तकलीफ बताता?

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बाद भी मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है और विधायक दल की बैठक दोपहर में होगी. ऐसे में मैं वहां से होते हुए मैं बैठक में शामिल हो जाऊंगा. लेकिन साफ इंकार कर दिया गया. पिछले चार दशकों के अपने बेदाग राजनीतिक सफर में मैं पहली बार अंदर से टूट गया. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. दो दिन तक आत्म-मंथन करता रहा और पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती तलाशता रहा. सत्ता का लोभ रत्ती भर भी नहीं था, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी इस चोट को मैं किसे दिखाता? अपनों के दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता? जब वर्षों से पार्टी के केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो रही है, और एकतरफा आदेश पारित किए जाते हैं, तो फिर किस के पास जाकर अपनी तकलीफ बताता? इस पार्टी में मेरी गिनती वरिष्ठ सदस्यों में होती है, बाकी लोग जूनियर हैं और मुझ से सीनियर सुप्रीमो जो हैं, वह अब स्वास्थ्य की वजह से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, फिर मेरे पास क्या विकल्प था? अगर वह सक्रिय होते, तो शायद अलग हालात होते.

यह भी पढ़ें: BJP में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचे Champai Soren, कई सवालों पर साधी चुप्पी; बढ़ा सस्पेंस

‘आज से शुरू होने जा रहा मेरे जीवन का नया अध्याय’

JMM के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया. बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया. मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था. इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था. पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा कि उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुई, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता. इतने अपमान और तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया. मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है. इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे.पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना.

‘X’ से भी हटाया JMM लीडर और मंत्री शब्द

चंपई सोरेन ने आगे कहा कि उस दिन से लेकर आज तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं. एक बात और, यह मेरा निजी संघर्ष है इसलिए इसमें पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने या संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं है. जिस पार्टी को हमने अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में तो कभी सोच भी नहीं सकते. उन्होंने अपनी बात अधूरी छोड़ते हुए कहा कि लेकिन, हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि… बता दें कि चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया साइट X के बायो से JMM लीडर और मंत्री शब्द भी हटा लिया है. वहीं दूसरी ओर पाकुड़ जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा कि समाज तो छोड़िये, यह लोग घर फोड़ने और पार्टी तोड़ने का काम करते हैं. आए आए दिन कभी इस विधायक को खरीद लेंगे, कभी उस विधायक को खरीद लेंगे. राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले इन अटकलों के बीच चंपई सोरेन क्या फैसला लेते हैं, यह देखना अहम होगा.

यह भी पढ़ें: Haryana में चुनाव से पहले BJP के सामने ‘महापंचायत’ की चुनौती, किसानों को कैसे साधेगी नायब सरकार?

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