राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक वचन में संबोधित करने पर कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने खेद जताया है । उन्होंने कहा कि मुझसे बोलने में चूक हो गई । मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं क्योंकि वो भी मेरी ही तरह शोषित वर्ग से आती हैं । सिद्धरमैया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि वह बहुत आहत और गुस्से में थे क्योंकि भाजपा नेताओं ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति को सिर्फ इसलिए आमंत्रित नहीं किया कि वह दलित समुदाय से हैं। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि सम्मेलन में बोलते समय, मैं थोड़ा भावुक हो गया और आक्रोश व्यक्त करते समय जुबान फिसलने के कारण मैंने उन्हें एकवचन में संबोधित किया।
एक वचन में संबोधित करने की है परंपरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो जिस ग्रामीण इलाके से आते हैं, वहां माता-पिता और अपने से उम्र में बड़ों को एक वचन में संबोधित करने की परंपरा है। उन्होंने कहा कि माननीय राष्ट्रपति का मैं बहुत सम्मान करता हूं । उन्हें एकवचन में संबोधित नहीं करना चाहिए था। मैं इस गलती के लिए खेद व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री पद पर रहने के लायक नहीं
वहीं, दूसरी तरफ ‘एक्स’ पर पोस्ट में मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि सिद्धरमैया एक पल के लिए भी मुख्यमंत्री पद पर रहने के लायक नहीं हैं। उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर राज्यपाल को उन्हें पद से हटा देना चाहिए। जोशी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, मैं बिल्कुल नहीं समझ पा रहा हूं कि आपको और आपकी पार्टी को क्या हो गया है! आपने बार-बार साबित किया है कि आपके मन में संविधान और इसका प्रतिनिधित्व करने वाले, सर्वोच्च पदों पर आसीन लोगों के प्रति अत्यधिक असम्मान की भावना है।