Arundhati Roy Prosecution: दिल्ली के LG वी.के. सक्सेना की मंजूरी के बाद अरुंधति रॉय के खिलाफ 2010 में भड़काऊ भाषण के मामले में दोबारा कार्रवाई शुरू होगी. इस केस में कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन भी नामजद हैं.
14 June, 2024
Arundhati Roy Prosecution : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरुंधति रॉय और उनके साथी प्रोफेसर के खिलाफ जो मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, वो 21 अक्टूबर 2010 का है. आरोप है कि कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में आयोजित एक सम्मेलन में अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर रहे डॉ. शेख शौकत हुसैन ने भड़काऊ भाषण दिए थे. हालांकि अभी इस मामले में डॉ. अरुंधति रॉय और डॉक्टर शेख शौकत हुसैन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन ये मामला तूल पकड़ सकता है.
14 साल पहले क्या हुआ था?
दरअसल, 21 अक्टूबर 2010 में कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में ‘आजादी-द ओनली वे’ के बैनर तले एक सम्मेलन आयोजित किया गया था. उस सम्मेलन में अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन ने भाषण दिए थे. उस वक्त दर्ज मुकदमे के मुताबिक सम्मेलन में दोनों ही वक्ताओं ने कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत की थी. इसको लेकर कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने 28 अक्टूबर 2010 को एक FIR दर्ज कराई थी.
कौन हैं अरुंधति रॉय
अरुंधति रॉय का पूरा नाम सुज़ेना अरुंधति रॉय है. इनका जन्म 24 नवम्बर 1961 को शिलांग में हुआ था. ये जानी मानी लेखिका और समाजिक कार्यकर्ता हैं. इनका उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ (1997) दुनिया भर की चर्चित किताबों में से एक है. 1997 में इसे ब्रिटेन के मशहूर ‘मैन बुकर प्राइज’ से नवाजा गया था. लेखन के साथ अरुंधति रॉय मानवाधिकार और पर्यावरण के मुद्दों को लेकर भी काफी सक्रिय रहतीं हैं.