20 दिसंबर 2023
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जाति गणना पर अहम बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर कोई भी फैसला समाज के हर वर्गों से राय-मश्विरा लेने और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। एकनाथ शिंदे ने कहा कि यहां सभी समुदाय और जाति के लोग साथ मिलकर रहते हैं, काम करते है और जश्न मनाते हैं। इसलिए समाज के सभी वर्गों की और उनकी भावनाएं बहुत महत्वपूर्ण है।
एकनाथ शिंदे का बयान क्यों महत्वपूर्ण ?
दरअसल इससे पहले मंगलवार को आरएसएस के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे ने कहा था कि जाति आधारित गणना नहीं होनी चाहिए, साथ ही उन्होंने ये सवाल भी किया था कि इससे क्या हासिल होगा? इस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि इस तरह की कवायद से कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे यह डेटा मिलेगा कि किसी निश्चित जाति की आबादी कितनी है, लेकिन यह सामाजिक रूप से और राष्ट्रीय एकता के लिए अच्छा नहीं है। आपको बता दें कि कांग्रेस देशभर में जाति गणना कराने की पक्षधर है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने ये बयान कहां दिया ?
दरअसल सीएम शिंदे का बयान इसी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि एकनाथ शिंदे ने बुधवार को आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार और दूसरे ‘सरसंघचालक’ एम एस गोलवलकर के स्मारकों पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हिंदुत्व पर राजनीति के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमारे यहां आने के पीछे कोई राजनीति नहीं है। हमारी सरकार हिंदुत्व की विचारधारा और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा पर बनी है।