Lok Sabha Elections 2024: पांचवें चरण में 8 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 20 मई को डाले जाएंगे. इनमें से कई ऐसी भी सीटें हैं जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई है.
15 May, 2024
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के चार चरणों का चुनाव हो चुका है और अब पांचवें चरण का मतदान होने जा रहा है. पांचवें चरण में 8 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 20 मई को डाले जाएंगे. इसमें बिहार की पांच सीटों पर, जम्मू-कश्मीर की 3 सीटों पर, झारखंड की 3 सीटों पर, लद्दाख की 1 सीट, महाराष्ट्र की 13 सीट, ओडिशा की 5 सीट, उत्तर प्रदेश की 14 सीट और पश्चिम बंगाल की 7 सीटों पर 695 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से कई ऐसी भी सीटें हैं जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई है. चलिए हम आपको उन सीटों के बारें में कुछ खास बातें बताते हैं.
अमेठी
इस सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. जिसकी वजह कांग्रस नेता राहुल गांधी हैं. साल 1980 के बाद से ही इस सीट पर गांधी परिवार का कब्जा रहा है. राहुल गांधी तीन बार यहां से जीतकर सांसद भी बन चुके हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति इरानी ने उन्हें 55,120 मतों से हरा कर गांधी परिवार के गढ़ को अपने नाम कर लिया. इस बार भी लोगों को उम्मीद थी कि राहुल अमेठी से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वो पीछ हट गए और रायबरेली से चुनाव लड़ने का निर्णय ले लिया. इस बार इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी और कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा के बीच मुकाबला है.
रायबरेली
उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. इंदिरा गांधी भी इस सीट से सांसद रह चुकी हैं. इस बार सोनिया गांधी ने इस सीट को अपने बेटे राहुल गांधी के हवाले कर दिया है. राहुल गांधी ने अमेठी को छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने इस सीट से नामंकन कर दिया है. इस सीट से न केवल राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी का आशीर्वाद पर्याप्त है बल्कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट का भी साथ मिल रहा है. जो राहुल के लिए लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी का इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से मुकाबला है.
सारण
सारण की लोकसभा सीट इस बार काफी खास बन गई है. सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई है. एनडीए गठबंधन ने इस सीट से बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को फिर टिकट दिया है. वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन की तरफ से आरजेडी ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पहली बार चुनाव लड़ रही रोहिणी के लिए रास्ता आसान नहीं है. इस सीट से लालू यादव भी चुनाव लड़ चुके हैं और चार बार जीतकर सांसद बने हैं. हालांकि लालू की गैरमौजूदगी में राजीव प्रताप रूडी को मौका मिल गया और उन्होंने 2014 और 2019 के चुनाव में जीत अपने नाम कर ली. अपने पिता लालू यादव को किडनी देकर रोहिणी आचार्य लोगों के बीच मश्हूर हो गई हैं. उन्हें लोगों की
सहानुभूति मिल रही है. सभी का कहना है कि रोहिणी जैसी बेटी हर घर में होनी चाहिए.
लखनऊ
लखनऊ लोकसभा सीट पर करीब चार दशक से बीजेपी का कब्जा रहा है. 1990 तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा और 1991 में जब चुनाव हुए तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. कुल पांच बार वो इस सीट से सांसद रह चुके हैं. साल 1991 के बाद से ही जीत का सिलसिला आज तक जारी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश की सत्ता में लंबे समय तक रहने वाली सपा और बसपा को आज तक इस सीट पर जीत नसीब नहीं हुई है. इस बार सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने सपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता रविदार मेहरोत्रा मैदान में हैं. बसपा ने सरवर अली को टिकट दिया है.
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल
महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट भी चर्चित सीटों में से एक है. बीजेपी ने इस सीट से वकील उज्ज्वल निकम को उम्मीदवार बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. उज्ज्वल निकम वहीं हैं जिन्होंने मुंबई 26/11 के आतंकी हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को केस लड़ कर फांसी की सजा दिलवाई थी. वहीं, कांग्रेस ने वर्षा गायकवाड़ को चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि उज्ज्वल निकम राजनीति में नए हैं, लेकिन वो काफी चर्चा में रह चुके हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी इस सीट पर शिवसेना (उद्धव) के सपोर्ट पर निर्भर नजर आ रही हैं.
यह भी पढ़ें : काराकाट से भोजपुरी स्टार पवन सिंह की मां ने आखिर क्यों भरा नामांकन पर्चा, वजह जान हो जाएंगे हैरान