NCERT Controversy : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता को भारतीय गणराज्य के आधारभूत के रूप में दर्शाया गया है.
17 June, 2024
NCERT Controversy : एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन पर उठे विवाद के बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि 2014 से यह संस्थान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा के रूप में काम कर रहा है और संविधान पर लगातार हमला किया जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- ‘राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने NEET 2024 में ‘ग्रेस मार्क्स’ की गड़बड़ी के लिए NCERT को दोषी ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे NTA ने अपनी घोर विफलताओं से ध्यान हटाने का प्रयास किया है.’
खास विचारधारा के लिए काम कर रही है NCERT
जयराम रमेश ने कहा कि NCERT अब एक एकेडमिक इंस्टीट्यूशन नहीं रह गयी है. यह 2014 से किसी खास विचारधारा के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 11वीं कक्षा में राजनीति विज्ञान की किताब में धर्मनिरपेक्षता की आलोचना की गई है. NCERT एक ऑटोनोमस संस्था है, इसका काम रिसर्च बेस्ड किताबें लिखने का है, ना की राजनीतिक दुष्प्रचार फैलाने का.
धर्मनिरपेक्षता संविधान का आधारभूत
उन्होंने कहा कि हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता को भारतीय गणराज्य के आधारभूत को दर्शाया गया है, लेकिन पाठ्यपुस्तकों में सेक्युलरिज्म की आलोचना की गई है. इसके अलावा राजनीतिक दलों की भी आलोचना की गई है. रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि धर्मनिरपेक्षता हमारे मूलभूत ढांचे का हिस्सा है. अब इस संस्थान की किताबों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो गया है.
‘सरकार छात्रों से असुविधाजनक तथ्यों को क्यों छिपा रही है‘
वहीं, TMC नेता साकेत गोखले ने एनसीईआरटी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बेशर्म एनडीए सरकार’ छात्रों से ‘असुविधाजनक तथ्य’ छिपाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस तर्क से बच्चों को विश्व युद्ध जैसी अन्य ‘हिंसक निराशाजनक चीजों’ के बारे में क्यों पढ़ाया जाए? गोखले ने पूछा कि क्या BJP और उसके नेताओं को अपने अपराधी और दंगाई होने के इतिहास पर शर्म आती है? छात्रों से सच्चाई क्यों छिपाई जा रही है?