Jammu-Kashmir Assembly Election: साल 2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा के चुनाव होंगे. इसके लिए निर्वाचन आयोग के लिए 8-9 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया.
16 August, 2024
Jammu Kashmir Assembly Election: भारत निर्वाचन आयोग ने आखिरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव की तारीखों की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होंगे. 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होंगे. चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.
‘अवाम अपनी तकदीर बदलना चाहती है’
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमने राजनीतिक दलों से बात की. सभी का कहना था कि राज्य में जल्द से जल्द चुनाव हों. उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर लगी लंबी कतारें जम्हूरियत की ताकत थी. उम्मीद और जम्हूरियत की झलक यह बताती है कि अवाम अपनी तकदीर खुद बदलना चाहती है. लोग खुद देश का भविष्य बदलने का हिस्सा बनना चाहते हैं. राजीव कुमार ने कहा कि हम मौसम और अमरनाथ यात्रा के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे. राज्य की जनता ने आतंक को नकार दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में 20 लाख से ज्यादा युवा वोटर हैं. राज्य में 87 लाख 9 हजार वोटर हैं.
जम्मू-कश्मीर में बढ़ाई गई 7 सीटें
निर्वाचन आयोग की ओर से किए गए एलान के बाद राज्य में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे. 10 सालों में कई अहम बदलाव हुए हैं. पहले जम्मू-कश्मीर में 107 विधानसभा सीटें थी. इसमें 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के लिए आरक्षित हैं . परिसीमन के बाद सीटें बढ़ा कर 90 कर दी गई हैं. इसके अलावा 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर के लिए आरक्षित रखी गई हैं. राज्य में पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए भी 9 सीटें आरक्षित की गई हैं. अनुसूचित जाति के लिए भी 7 सीटों का आरक्षण दिया गया है. विस्थापित कश्मीरी लोगों के लिए भी दो सीटों को आरक्षित कर दिया गया है. मनोनीत सदस्यों की संख्या 2 से बढ़ाकर 5 कर दी गई है. बता दें कि जम्मू संभाग में पहले 37 सीटें थी. जिसे बढ़ाकर 43 कर दिया गया. वहीं कश्मीर संभाग में पहले 46 सीटें थी, जिन्हें अब 47 कर दिया गया है.
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साल 2014 के बाद से नहीं हुए चुनाव
राज्य में साल 2014 के बाद से चुनाव नहीं हुए हैं. वहीं 2019 में धारा 370 हटाने के बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था. बता दें कि साल 2023 में 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन आयोग को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अहम निर्देश दिया था. जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जितनी जल्दी हो सके, दिया जाए और चुनाव कराए जाएं. जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द स्टेटहुड का दर्जा जल्द वापस किया जाए. जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने भी 11 अगस्त को कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में जैसा कहा था कि पहले राज्य में परिसीमन होगा, फिर विधानसभा चुनाव और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा. सब वैसा ही हो रहा है.
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