Home Politics Kanwar Yatra Order Row : ‘रामदेव को गर्व तो ‘रहमान’ को क्यों नहीं’ यूपी में ‘नेम प्लेट’ विवाद पर योग गुरु का बड़ा बयान

Kanwar Yatra Order Row : ‘रामदेव को गर्व तो ‘रहमान’ को क्यों नहीं’ यूपी में ‘नेम प्लेट’ विवाद पर योग गुरु का बड़ा बयान

by Live Times
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Kanwar Yatra Order Row: रामदेव को गर्व तो रहमान को क्यों नहीं यूपी में नेम प्लेट विवाद पर योग गुरु का बड़ा बयान

Kanwar Yatra Order Row : अपने बयान में रामदेव ने यह भी कहा कि हमारे काम में पवित्रता है तो हमें हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी को अपनी पहचान पर गर्व होना चाहिए.

21 July, 20241

Kanwar Yatra Order Row : उत्तर प्रदेश में कांवड़िया यात्रा मार्ग पर दुकानों और ढाबों के आगे नेम प्लेट लगाने के आदेश पर विवाद जारी है. इसके समर्थन और विरोध में लोगों के साथ-साथ राजनेता और राजनीतिक दल भी आगे आ रहे हैं. इस बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने जब उन्हें (रामदेव) को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों? बाबा रामदेव ने यह बयान रविवार को पतंजलि योगपीठ में अपने अनुयायियों के साथ गुरु पूर्णिमा मनाने के दौरान दिया.

प्रत्येक व्यक्ति को हो अपने नाम पर गर्व

कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी भोजनालयों/ढाबों और दुकानों को अपने मालिकों के नाम की नेम प्लेट लगाने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर जब रामदेव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई परेशानी नहीं है तो रहमान को क्यों परेशानी होनी चाहिए? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने नाम पर गर्व है. ऐसे में अपना नाम छिपाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जरूरत है अपने काम को पवित्रता और ईमानदारी से करने की.

उत्तराखंड में पहले से लागू है यह नियम

यहां पर बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को पूरे राज्य में विवादास्पद आदेश लागू कर दिया. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं. वहीं, इस पर प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश की निंदा की. साथ ही कहा कि जिस तरह दलित समुदाय को छुआछूत का शिकार होना पड़ा है, उसी तरह मुसलमानों के साथ भी जानबूझकर ऐसा ही व्यवहार करने का प्रयास किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : WHC के 46वें सत्र की मेजबानी के लिए तैयार भारत, 10 दिन तक होगा आयोजन; पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

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