Lok Sabha Election 2024: गया जिला कभी तीन लोकसभा क्षेत्रों में विभाजित था. इस सीट पर अभी JDU काबिज है. यहां से JDU के विजय मांझी वर्तमान में सांसद है.
02 April, 2024
Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार की तैयारी में जुट गई हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर जितना उत्साह पार्टियों में हैं उतना ही जनता में भी देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में हम बात करेंगे बिहार की गया लोकसभा सीट की. गया कभी तीन लोकसभा क्षेत्रों में विभाजित था. इस सीट पर अभी JDU काबिज है. JDU के विजय मांझी वर्तमान में गया के सांसद हैं. गया लोकसभा सीट महादलित बहुल सीट है. हम आपको यहां बताएंगे कि किस पार्टी ने कब फतह हासिल की और क्या है इस सीट का इतिहास .
कांग्रेस का रहा दबदबा
पहली बार 1952 में देश में चुनाव हुआ था. उस वक्त गया तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ था. जिनका नाम गया पूर्व, गया उत्तर और गया पश्चिम था. साल 1957 में गया सीट पर स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव हुए थे. कांग्रेस उम्मीदवार बृजेश्वर प्रसाद चुनाव जीतकर यहां के पहले सांसद बने थे. साल 1962 में भी कांग्रेस का दबदबा इस सीट पर कायम रहा. लगातार तीन बार कांग्रेस इस सीट से जीतती रही. 1971 में कांग्रेस को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा. अखिल भारतीय जनसंघ को पहली बार इस सीट से जीत मिली थी. 1977 में भी यहां भारतीय लोक दल की जीत हुई.
बीजेपी को कब मिली थी जीत
1980 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने फिर से जीत का ताज अपने नाम कर लिया. 1998 में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट से जीत का खाता खोला. कृष्ण कुमार चौधरी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था. कृष्ण कुमार चौधरी को कुल 303225 वोट मिले थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल उम्मीदवार भगवती देवी को हराकर जीत अपने नाम की थी. 2004 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. राजद ने भाजपा को 102949 वोटों से हरा दिया था. राजदा ने राजेश कुमार मांझी को इस सीट से उतारा था.
गया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं
गया टाउन
शेरघाटी
बोधगया
बाराचट्टी
बेलागंज
वजीरगंज
मतदाताओं की संख्या
गया में कुल मतदाताओं की संख्या 2862060 है. 2023 में गया की अनुमानित जनसंख्या 5420766 है, जिसमें 2024 में पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 2797849 और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 2622917 है. जिले में 2297613 लोग साक्षर हैं.
गया में हुई बड़ी घटनाएं
19 जनवरी 2018 को जब दलाईलामा के बोधगया आए थे तो आतंकियों द्वारा बम विस्फोट किया गया था. साल 2013 में भी बोधगया में सीरियल ब्लास्ट किया गया था.वहीं, 2005 में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तो नक्सलियों ने बाराचट्टी में वेंकैया नायडू के हेलीकॉप्टर को आग के हवाले कर दिया था. हालांकि गया नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. इसलिए यहां ऐसी घटनाएं होती रहती हैं.
क्या है जातीय समीकरण
गया लोकसभी सीट को महादलित बहुल सीट माना जाता है. महादलितों के अलावा यहां और भी जाति के लोग रहते हैं. इस लोकसभा में चंद्रवंशी, राजपूत, कायस्थ्य, भूमिहार, कोयरी, कुर्मी और यादव सहित कई जाति के लोग हैं. गया संसदीय क्षेत्र के तहत कुल 6 विधानसभा सीट हैं, जिसमें बाराचट्टी और बोधगया दोनों ही आरक्षित सीटें हैं.
गया लोकसभा क्षेत्र की खास बातें
फल्गु नदी के तट पर बसे गया में कई धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थल शामिल हैं. यह कई छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है. गया को ज्ञान की भूमि भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि फल्गु नदी में तर्पण-अर्पण करने से पितरों को मोक्ष मिलता है. गया के बोधगया में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. गया शहर के बीचोंबिच विष्णुपद मंदिर है. जहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. गया में 15 दिनों तक चलने वाली पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से लोग आते हैं. वहीं, यहां बुनकरों काफी संख्या में मौजूद हैं जो कपड़े तैयार करते हैं. गया झारखंड की सीमा से भी सटा है. यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक है.
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