Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट मुंडे परिवार का गढ़ रही है. बीड लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती है, जिसमें BJP उम्मीदवार पंकजा मुंडे और NCP (शरद पवार गुट) प्रत्याशी बजरंग सोनावणे के बीच मुकाबला है.
11 May, 2024
Lok Sabha Election 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. बीड समेत महाराष्ट्र की 11 सीटों पर चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होनी है. बात करें अगर साल 2009 की तो यहां की बीड लोकसभा सीट पर मुंडे परिवार का कब्जा है. मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे ने 2014 में पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उप-चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, BJP ने इस बार प्रीतम मुंडे की जगह उनकी बहन और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को मैदान में उतारा है. जबकि, शरद पवार के गुट वाली NCP ने बजरंग सोनावणे को टिकट दिया है.
Lok Sabha Election 2024: पिछले 10 सालों में मुंडे साहब के दृष्टिकोण पर काम हुआ है
BJP उम्मीदवार पंकजा मुंडे ने भी इस बार जीत का दावा किया है, उनका कहना है कि लोग पिछले 10 साल में किए गए विकास कार्यों से खुश है और
उनका समर्थन करेंगे. आगे पार्टी का कहना है कि मुंडे साहब को गए 10 साल हो गए हैं और पिछले 10 सालों में हमने मुंडे साहब के दृष्टिकोण पर काम किया है. लोगों को मुंडे साहब पर भरोसा है और यही इस चुनाव का मुद्दा है. मुंडे साहब ने विश्वास का काम किया था. लेकिन, हमने विकास और विश्वास दोनों पर काम किया है.
Lok Sabha Election 2024: बजरंग सोनवणे ने BJP उम्मीदवार पंकजा मुंडे पर कसा तंज
वहीं, महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे ने इलाके की अनदेखी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मौजूदा सासंद से किसान और युवा नाखुश हैं, लेकिन इन सब के बीच बजरंग सोनवणे ने कहा कि बीड में विकास के जो मुद्दे हैं, जिसे BJP उम्मीदवार पंकजा मुंडे ने 10 वर्षों में विकास के मुद्दों को नहीं उठाया है, इसलिए जनता नाराज है. उन्होंने किसानों के लिए कुछ नहीं किया.
Lok Sabha Election 2024: मराठा आरक्षण इस बार चुनाव में अहम मुद्दा
दोनों ही उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे है. लेकिन लोगों की समस्याएं गंभीर मुद्दा है. पानी के कमी, किसानों के लिए MSP, बेरोजगारी, बिजली और विकास ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिनका लोग हल चाहते हैं साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि हम बेरोजगार हैं और महंगाई बहुत ज्यादा है. हम हर दिन 200-300 रुपये कमाते हैं और इसमें से 150-200 रुपये तेल (पेट्रोल-डीजल) में चले जाते हैं और हमारे पास केवल 5-50 रुपये ही बचते हैं. ‘हालांकि, मराठा आरक्षण इस बार चुनाव में अहम मुद्दा है. लोगों की मानें, तो दोनों उम्मीदवार मराठा और ओबीसी समुदाय से समर्थन की मांग कर रहे हैं.
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