Maharashtra Politics: अजीत पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से कहा गया है कि अब इस सरकार में या तो तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) रहेंगे या फिर NCP.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस बीच महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति में बवाल मच गया है. महायुति में शामिल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) ने बड़ी मांग कर दी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से कहा गया है कि अब इस सरकार में या तो तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) रहेंगे या फिर NCP.
‘तानाजी के कारण मंत्रिमंडल की गुणवत्ता कम हुई’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले NCP के मुख्य प्रवक्ता ने उमेश पाटिल (Umesh Patil) अपने X हैंडल पर शुक्रवार को एक न्यूज क्लिप के साथ पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि अब इस सरकार में या तो तानाजी सावंत रहेंगे या फिर NCP. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि तानाजी सावंत को मंत्रिमंडल से हटाओ. नहीं तो हम बाहर हो जाएंगे. राष्ट्रवादी (NCP) लाचार नहीं हैं. तानाजी सावंत की वजह से मंत्रिमंडल की गुणवत्ता कम हुई है. ऐसे लोगों की वजह से सरकार का अच्छा काम बर्बाद हो जाता है. इसी के साथ एक अन्य पोस्ट में उन्होंने तानाजी सावंत का बयान भी शेयर किया. पोस्ट के मुताबिक तानाजी सावंत ने गुरुवार को धाराशिव में आयोजित पार्टी की कार्यशाला में कहा था कि भले ही वह कैबिनेट में अजीत पवार के नेतृत्व वाले NCP विधायकों के बगल में बैठते हैं, लेकिन जब वह बाहर आते हैं तो उन्हें उल्टी होती है.
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‘मेरी कांग्रेस और NCP के साथ कभी नहीं बनी’
तानाजी सावंत ने आगे कहा था कि मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं. जब से मैं छात्र था, तब से मेरी कांग्रेस और NCP के साथ कभी नहीं बनी. इसी बयान पर उमेश पाटिल ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को तानाजी सावंत का इलाज करना चाहिए. बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार या राज्य इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने तानाजी सावंत के बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, पार्टी के अन्य नेताओं के तीखे बयानों ने महायुति सहयोगियों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है. गौरतलब है कि आने वाले कुछ महीनों में 288 विधानसभा सदनीय सीटों वाले महाराष्ट्र राज्य में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इन बयानों से महायुति में शामिल भारतीय जनता पार्टी के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच फूट देखी जा रही है. तानाजी सावंत पर क्या फैसला होगा, यह देखना भी दिलचस्प होगा.