Lok Sabha Elections 2024 : देश में हुए लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों की अगर बात करें तो कुल 2823 उम्मीदवारों में से केवल आठ प्रतिशत महिलाएं थीं.
28 April, 2024
Lok Sabha Elections 2024: देश में महिला सशक्तीकरण की बात हो रही है, लेकिन जब जमीनी स्तर की बात आती है तो सबकुछ धरा का धरा ही रह जाता है. देश में हुए लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों की अगर बात करें तो कुल 2823 उम्मीदवारों में से केवल आठ प्रतिशत महिलाएं थीं. राजनीतिक विश्लेषकों का इस पर कहना है कि यह बताता है कि महिला सशक्तीकरण की बात खोखली है. बता दें कि चुनाव के पहले चरण में 135 और दूसरे चरण में 100 महिला उम्मीदवार थीं. ऐसे में पहले दो चरणों की कुल संख्या 235 है. 19 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में मैदान में कुल उम्मीदवारों की संख्या 1625 थी. 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण में 1198 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा.
तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे अधिक
पहले चरण में 135 महिला उम्मीदवारों में से तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे अधिक 76 थी. हालांकि यह आंकड़ा राज्य के कुल उम्मीदवारों का सिर्फ 8 प्रतिशत था. दूसरे चरण में केरल में महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक 24 थी. कांग्रेस ने दोनों चरणों में 44 महिलाओं को और बीजेपी ने 69 महिलाओं को मैदान में उतारा है. ऐसे में अब राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महिलाओं को मैदान में उतारने के बजाय पार्टियां महिला आरक्षण अधिनियम के लागू होने का इंतजार क्यों कर रही हैं.
भारत के मतदाताओं में लगभग आधी महिलाएं
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशीला रामास्वामी ने कहा कि राजनीतिक दलों को महिलाओं की उम्मीदवारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. राजनीतिक दलों को अधिक सक्रिय होना चाहिए था और अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहिए था.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इफ्तिखार अहमद अंसारी ने कहा कि भारत के मतदाताओं में लगभग आधी महिलाएं हैं, उम्मीदवार पूल में उनका कम प्रतिनिधित्व राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी में बाधा डालने वाली बाधाओं के बारे में व्यापक सवाल उठाता है.
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