Home Politics नई सोशल मीडिया नीति-2024 को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल, कहा – लोगों की स्वतंत्रता को दबाने की BJP कर रही कोशिश

नई सोशल मीडिया नीति-2024 को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल, कहा – लोगों की स्वतंत्रता को दबाने की BJP कर रही कोशिश

by Rashmi Rani
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Opposition raised questions regarding new social media policy 2024, said BJP is trying to suppress people's freedom

Digital Media Policy : डिजिटल मीडिया नीति-2024 को लेकर विपक्ष का कहना है कि BJP सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रही है.

29 August, 2024

Digital Media Policy : उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दे दी है. अब सोशल मीडिया पर अभद्र या राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने पर उम्रकैद की सजा हो सकती है. वहीं, इस नीति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. विपक्ष का कहना है कि BJP सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रही है.

भ्रष्टाचार की थाली में झूठ परोस रही BJP : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ‘हम बांट रहे हैं दाने, गाओ हमारे गाने जेल तुम्हारा घर है, अगर हुए बेगाने! यही है उत्तर प्रदेश की BJP सरकार की नयी सोशल मीडिया पॉलिसी का सच. ये तरफ़दारी के लिए दी जाने वाली घूस है. BJP अपनी करतूतों पर परदा डालने के लिए सरकार के चरणों में पड़े रहनेवाले, नये ज़माने के चारण पैदा करना चाह रही है. BJP भ्रष्टाचार की थाली में झूठ परोस रही है. जनता के टैक्स के पैसे से आत्म प्रचार एक नये तरीक़े का भ्रष्टाचार है.’

सरकार की झूठी प्रशंसा करने वालों को दिया जाएगा पैसा : समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाना है. समाजवादी पार्टी ने BJP पर आरोप लगाया कि वह सरकार की झूठी प्रशंसा करने वालों को जनता के पैसे से लाखों रुपये देने और सोशल मीडिया पर जनता की समस्याएं उठाने वालों को जेल या आजीवन कारावास देने का प्रावधान ला रही है. SP ने कहा कि जनता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की BJP की इस योजना का हम पुरजोर विरोध करेंगे.

स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा : कांग्रेस

कांग्रेस की यूपी इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यूपी डिजिटल मीडिया नीति 2024 अलोकतांत्रिक, संविधान विरोधी है और इस नियम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह कैसे लोकतांत्रिक है कि एक चापलूस को पुरस्कृत किया जाए और एक प्रश्नकर्ता को दंडित किया जाए? पैसे और सत्ता के बल पर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर कब्जा करने वाली यह सरकार इसके माध्यम से डिजिटल मीडिया को भी चुप कराने की साजिश कर रही है.

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