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Russia-Ukraine War: रूस ने युद्ध के बीच इकोनॉमी को बेहतर किया, अब वह ‘वॉर इकोनॉमी’ बन चुकी है

by Live Times
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Russia-Ukraine War

Russia-Ukraine War: रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को युद्ध के हिसाब से ढालने में कामयाबी हासिल की है. उनके मुताबिक रूस की इकोनॉमी अब वॉर इकोनॉमी बन चुकी है.

20 April, 2024

रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को युद्ध के हिसाब से ढालने में कामयाबी हासिल की है. उनके मुताबिक रूस की इकोनॉमी अब वॉर इकोनॉमी बन चुकी है. वाशिंगटन डीसी में एक इंटरव्यू में बताया कि ओलेना का मानना है कि रूस पर अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों के प्रतिबंधों का असर इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि वो जानता है कि उसके लिए दूर के पूर्वी देशों, मिडिल ईस्ट देशों और सोवियत संघ टूटने के बाद बने देशों के साथ व्यापार करने के रास्ते खुले हुए हैं.

Russia-Ukraine War अमेरिका समेत इंटरनेशनल प्रतिबंधों को बड़ी कामयाबी

रूस ने इस वजह से अमेरिका समेत इंटरनेशनल प्रतिबंधों को बड़ी कामयाबी से टाल दिया क्योंकि उसे पता है कि वो सुदूर पूर्व के देशों, मध्य पूर्व के देशों और सोवियत संघ के बाद बने देशों के साथ व्यापार कर सकता है. रूस ने हिंसा को चुना. इसका जवाब देने का एकमात्र तरीका अच्छाई के लिए हिंसा है. ये एकमात्र तरीका है क्योंकि रूस केवल ताकत को समझता है. ये हमेशा उन समझौतों को तोड़ता है जिन्हें वो पूरा करने या जिनसे सहमत होने की कोशिश करता है. वो हमेशा दुश्मन को बेवकूफ बनाने की कोशिश करता है और किसी तरह से उन वादों से बचने के लिए अलग-अलग योजनाएं भी बनाने की कोशिश करता है जो किए गए हैं.

Russia-Ukraine War युद्ध के हिसाब से खुद को ढाल लेता है रूस

रूस ने युद्ध के हिसाब से खुद को ढालते हुए अपनी इकोनॉमी को कामयाबी के साथ दोबारा तैयार किया है. अब ये वॉर इकोनॉमी है, आईएमएफ ने भविष्यवाणी की कि ये 3.2 प्रतिशत जीडीपी के साथ बढ़ेगी, जो ये भी सवाल उठाता है कि आपके पास मौजूदा वक्त में एक ऐसा देश है जिसने खुद को ऐसा ढाला है कि वो लंबे वक्त तक युद्ध लड़ सकेगा.

हम 2024 में हैं, रूस ने यूक्रेन के डोनबास और क्रीमिया पर कब्जा कर लिया है. रूस लंबे वक्त में इस खेल को खेलने में बहुत कामयाब रहा है. ये लंबे वक्त में पश्चिम यूक्रेन और पूर्व यूक्रेन दोनों के लिए ही बड़ी चुनौती होगी क्योंकि रूस ने इस तथ्य के कारण प्रतिबंधों को सफलतापूर्वक टाल दिया है. अब वो सुदूर पूर्व के देशों, मध्य पूर्व के देशों और सोवियत संघ के बाद बने देशों के साथ व्यापार कर सकता है.

हराजदान इस वक्त अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक की सालाना स्प्रिंग मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राजधानी में हैं.

यहां भी पढ़ें :- SC की अहम टिप्पणी, अश्लील सामग्रियों में बच्चों का इस्तेमाल किया जाना “गंभीर” चिंता का विषय

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