Lok Sabha Elections 2024: जब भी कोई उम्मीदवार चुनाव में खड़ा होता है तो उसे चुनाव आयोग के पास कुछ पैसे जमा करने होते हैं और इसी पैसे को जमानत राशि कहा जाता है.
30 March, 2024
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रक्रिया जारी है. ऐसे में आपने एक शब्द जरूर सुना होगा कि ‘नेता जी’ अपनी जमानत भी नहीं बचा सके और उनकी जमानत जब्त हो गई. क्या आप जानते हैं कि आखिर यह ‘जमानत राशि जब्त’ होना क्या होता है? कब इसे वापस किया जाता है. यहां पर हम बता रहे हैं कि विस्तार से.
किसको-कितनी देनी होती है जमानत राशि
जब भी कोई उम्मीदवार चुनाव में खड़ा होता है तो उसे चुनाव आयोग के पास कुछ पैसे जमा करने होते हैं और इसी पैसे को जमानत राशि कहा जाता है. चुनाव आयोग ऐसा इसलिए करता है, ताकि उम्मीदवार चुनाव को गंभीरता से ले. अब सवाल यह है कि ये जमानत राशि होती कितनी है? आपको बता दें कि हर चुनाव के लिए जमानत राशि अलग होती है. अगर कोई लोकसभा का चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ता है तो उसे चुनाव आयोग के पास 25,000 रुपये जमा करवाने होते हैं. वहीं, विधानसभा का चुनाव (Assembly elections) हो तो 10,000 रुपये और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में 15 हजार रुपये देने पड़ते हैं. यह राशि चुनाव आयोग ने निर्धारित की है.
कब जब्त होती है जमानत
जमानत जब्त होने के कुछ नियम हैं, अगर कोई उम्मीदवार कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता है तो ऐसी स्थिति में उस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाती है. आप इसको इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर किसी भी सीट पर मान लिजिए के 1 लाख वोट पड़े हैं और उम्मीदवार को 16,666 से भी कम वोट मिले हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी.
किसको वापस की जाती है जमानत राशि
जब चुनाव के नतीजे आ जाते हैं तो जीतने वाले उम्मीदवार को उसकी रकम वापस कर दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल जीतने वाले उम्मीदवार को ही जमानत राशि वापस की जाती है. अगर किसी भी उम्मीदवार को 16.66% वोट मिले हों तो उसे जमानत राशि वापस कर दी जाती है. चाहे भले वो चुनाव हार गया हो. इसके अलावा अगर वोटिंग शुरू होने से पहले किसी प्रत्याशी की मौत हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में भी उसके परिजनों को जमानत राशि लौटा दी जाती है या फिर किसी उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया हो और उसने अपना नामांकन वापस ले लिया हो तो उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है.
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