Gujarat Flood : IIT-GN ने अपनी रिसर्च खुलासा किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गुजरात में बाढ़ आने के कारण मौसम में बदलाव होना है.
04 September, 2024
Gujarat Flood : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (IIT-GN) की रिसर्च में गुजरात में बाढ़ के बाद अध्ययन किया है कि इसके पीछे क्या कारण है. रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि बाढ़ का सबसे बड़ा कारण मौसम में बदलाव है. इसके अलावा व्यापक स्तर पर शहरीकरण और खराब जल निकासी के कारण इसकी वजह है. बता दें कि गुजरात में 20 से 29 अगस्त के बीच आई भारी वर्षा की वजह से कई हिस्सों बाढ़ आई गई. इस दौरान राज्य के 33 जिलों में से 15 जिलों में बीते 10 सालों में हुई बारिश से कई गुना थी.
बाढ़ ने शहरीकरण को साफ किया
पिछले हफ्ते ही देश के पश्चिमी तट पर आसामान्य मौसमी घटनाएं देखीं जो शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के लचीलेपन का पुनर्मूल्यांकन के मुखौटे को साफ उजागर करती है. IIT गांधीनगर की मशीन इंटेलिजेंस एंड रेजिलिएंस लैबोरेटरी (MIR लैब) के रिसर्चर्स ने कहा कि यह दृश्य मजबूत और आपतकालीन रणनीतियों की आवश्यकता है जो समवर्ती चरम घटनाओं की जलटिलताओं को संभाल सके. उन्होंने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण ने क्षेत्रीय जल विज्ञान को बदल दिया है.
वडोदरा में हुआ बारिश का सबसे ज्यादा असर
शोधकर्ताओ ने इस बात पर ध्यान दिलाया कि पिछले हफ्ते भारी बारिश के बाद बाढ़ का सामने करने वाले वडोदरा ने काफी स्ट्रगल किया है, जबकि वहां पर इतनी भी बारिश नहीं हुई थी. हालांकि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र व्यापक स्तर पर शहरी विकास, ऊंचाई में बदलाव और तेज शहरीकरण होने के कारण जल निकासी प्रणालियां जाम हो गई और निकासी वाले पैटर्न पर प्रभाव पड़ा. बता दें कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले एरिया के लोगों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
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