Delhi Water Crisis: दिल्ली में जारी पानी का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से गुरुवार शाम 5 बजे तक ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ (UYRB) से संपर्क करने को कहा है.
13 June, 2024
Delhi Water Crisis: भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में पानी की किल्लत हो रही है. लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. कई जगह पर तो लोग पानी की कमी के चलते पलायन करने के लिए भी मजबूर हैं. समस्या का समाधान ना होने पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सरकार को फटकार तक लगा चुका है. अब दिल्ली का जल संकट सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के यू-टर्न की वजह से गंभीर होता दिख रहा है.
हिमाचल ने क्यों लिया यू-टर्न?
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पहले हलफनामा देकर कहा था, कि उसके पास ‘सरप्लस वॉटर’ है. लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपने पहले के रुख से पलटते हुए हिमाचल प्रदेश ने कहा कि वह दिल्ली के लिए अतिरक्त पानी नहीं छोड़ सकता. जबकि पिछले हलफनामे के मुताबिक हिमाचल को दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक पानी छोड़ना था. हिमाचल सरकार ने जल्द से जल्द पानी छोड़ने की बात कही थी. लेकिन गुरुवार को सुक्खू सरकार ने ये कहते हुए यू-टर्न ले लिया, कि उसके हलफनामे में कुछ गलती हो गई, जिसे वह बदलना चाहती है.
हिमाचल सरकार के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई, कि एक सरकारी तंत्र के जरिए कोर्ट में ऐसा गलत हलफनामा कैसे दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को इस यू-टर्न के लिए फटकार भी लगाई.
सुक्खू सरकार ने मांगी SC से माफी
हलफनामे में इतनी बड़ी गलती पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख देखते हुए हिमाचल सरकार ने अदालत से माफी मांगी. सरकार की तरफ से कहा गया कि उनकी नीयत सही थी, बस जो जवाब दिया गया, उसमें कुछ खामियां रह गई थीं. वो हलफनामे के जरिए पुराने जवाब को रिकॉर्ड से वापस ले लेंगे.
हिमाचल सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की कमी पूरी करने के लिए ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश दिया है.
UYRB करेगा दिल्ली की मदद?
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार से पानी की आपूर्ति के लिए शाम 5 बजे तक UYRB (Upper Yamuna River Board Secretariat) को एक आवेदन देने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि ये अपील मानवीय मदद की भावना से जानी चाहिए.
दिल्ली के जल संकट पर पीठ ने ये भी कहा कि राज्यों के बीच यमुना-जल का बंटवारा एक अहम मुद्दा है और इस अदालत के पास अंतरिम आधार पर निर्णय लेने की तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है. इसमें कई सारी पेचिदगियां हैं.
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