Naini Lake Research: उत्तराखंड की नैनी झील को लेकर वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ी है. नैनीताल की इस झील का स्तर कम हो गया है.
Naini Lake Research: नैनीताल में स्थित मशहूर नैनी झील टूरिज्म के लिहाज से वाकई बेहद खूबसूरत है. हर साल कई सैलानी यहां बोटिंग का लुत्फ उठाने आते हैं. लेकिन नैनी झील को लेकर एक रिसर्च से वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, नैनी झील की गहराई हाल के दिनों में कम होती जा रही है, वैज्ञानिकों को कहना है कि झील में गाद का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही इसकी बढ़ी वजह प्रदेश में लगातार चल रहे निर्माण कार्यों को माना जा रहा है. पर्यावरण के जानकारों ने चेतावनी दी है कि यही सिलसिला जारी रहा तो दूसरी परेशानियों के अलावा शहर में पानी का गंभीर संकट भी पैदा हो सकता है.
कम हुई झील की गहराई
इस गंभीर विषय पर वैज्ञानिक अजय रावत का कहना है कि कहीं-कहीं पर झील की गहराई काफी कम रह गई है क्योंकि मलबा अभी भी पूरा यहां से नहीं निकाला जा सकता है. आप झील के किनारे देखेंगे तो जब बारिश कम आती है, गर्मी आती तो उस समय चारों तरफ आप देखेंगे कि मलबा पड़ा हुआ है और गंदगी भी कभी-कभी देखने को मिलती है. तो उस वजह से गहराई कम हो गई है.
रोजी-रोटी पर भी आई आफत
सैलानियों को झील की सैर कराने वाले नाविकों ने बताया कि पहले के मुकाबले पानी गंदा हुआ है. उनका कहना है कि झील में मलबा, कचरा और सीवेज का पानी जा रहा है, जिससे इसकी गहराई कम हो रही है. इस समस्या पर बात करते हुए एक और नाविक समिति के अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि हमारी नाव वालों की नहीं औरों की भी रोजी-रोटी इसी से चल रही है. अब तो बहुत कम हो गई हैं नाव.
नैनी झील की खासियत
नैनी झील पहाड़ पर बसे नैनीताल में सैलानियों की पसंदीदा जगह है. इसमें हर साल लाखों सैलानी घूमने आते हैं. यहां का पीस, हरियाली, सुहाना मौसम झील की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. नैनीताल का नाम भी नैनी झील के नाम पर रखा गया है, जो 2 मील की परिधि में फैली हुई है और इसकी गहराई 6 मीटर से 28 मीटर तक है. नैनी झील का शांत पानी पर्यटकों को अपनी आकर्षक सुंदरता से प्यार करने पर मजबूर कर देता है.
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