16 February 2024
सूर्योदय से पहले के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। प्राचीन वैदिक परंपराओं में इस समय को खास स्थान दिया गया है। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह सूरज निकलने से करीब 1 घंटे 36 मिनट पहले स्टार्ट हो जाता है। हालांकि, ये समय मौसम के हिसाब से बदलता भी रहता है। इस समयकाल में पूजा-पाठ, ध्यान, साधना और आध्यात्मिक अभ्यास करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त से जुड़ी खास बातें…
रात का आखिरी पहर
सूर्योदय के मुताबिक ब्रह्म मुहूर्त के वक्त में बदलाव आता रहता है। रात के आखिरी पहर को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। इस दौरान लोग सूर्य का पूजन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार सुबह का ये समय धरती के रचियता का होता है जो लिमिटलेस एनर्जी का सोर्स है। यही वजह है कि इस दौरान लोगों को पूजा-पाठ और मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है।
क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति के जीवन को बदलने की बहुत पावर होती है। अपनी आध्यात्मिक शुद्धता के कारण ये समय व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय वातारण बहुत निर्मल और शांत होता है जिससे लोगों को आराम मिलता है। आध्यात्मिक अभ्यास के लिए ब्रह्म मुहूर्त का यही शांत और पोजिटिव वातावरण सर्वोत्तम माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त का ये समय किसी भी प्रेक्टिस के लिए बहुत अच्छा होता है खासकर, विद्यार्थियों के लिए सुबह का ये वक्त बेहद खास है।
ना करें ये काम
ब्रह्म मुहूर्त के दौरान सेक्सुअल रिलेशन नहीं बनाने चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सुबह का ये पहर भगवान को समर्पित होता है इसलिए ऐसा करने से इंसान पाप का भागी बनता है। वहीं, आयुर्वेद के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त में फिजिकल रिलेशन बनाने से ऐज भी कम होने लगती है।