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Kedarnath: केदारनाथ मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ हुए बंद, 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

by Divyansh Sharma
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Kedarnath Mandir Kapat: केदारनाथ के अलावा तुंगनाथ धाम के कपाट 4 नवंबर को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर (रविवार) को विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे.

Kedarnath Mandir Kapat: विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट रविवार (3 नवंबर) को भैया दूज के पर्व पर सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.

वैदिक मंत्रों के साथ विधि-विधान और भारतीय सेना की बैंड की धुनों के साथ कपाट बंद किए गए. इस दौरान 15 हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद रहे.

Kedarnath Mandir Kapat: सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद हुए कपाट

रविवार की सुबह पांच बजे से BKTC यानी बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.

मंदिर समिति के पुजारीयों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की और फिर स्वयंभू शिवलिंग को भस्म और फूलों से समाधि का रूप दिया गया.

इसके बाद निर्धारित मुहूर्त यानी रविवार सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.

कपाट बंद होने से पहले डोली को पहले पड़ाव यानी रामपुर के रवाना कर दिया गया. पंचमुखी डोली के साथ हजारों श्रद्धालु भी पैदल ही रवाना हुए.

Kedarnath Mandir Kapat: 5 नवंबर को डोली पहुंचेगी शीतकालीन गद्दी स्थल

बता दें कि कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचाई जाएगी.

डोली रविवार (3 नवंबर) को रामपुर ( पहले पड़ाव) के बाद सोमवार (4 नवंबर) को दूसरे पड़ाव यानी गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी. फिर मंगलवार (5 नवंबर) को डोली ऊखीमठ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच जाएगी.

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस साल की यात्रा के दौरान दर्शन के लिए साढ़े 16 लाख से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे.

मंदिर समिति के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी का आभार जताया. साथ ही पुलिस-प्रशासन, यात्रा व्यवस्था से जुड़े लोग, NDRF और SDRF के साथ उन्होंने ITBP के जवानों का भी आभार जताया.

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17 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

बता दें कि एक दिन पहले ही यानी शनिवार (4 नवंबर) को अन्नकूट के पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए. तीर्थ पुरोहितों के साथ मां गंगा की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों और आर्मी बैंड की धुनों के साथ रवाना किया गया.

रविवार को सोमेश्वर देवता की मौजूदगी में भैयादूज के पर्व पर मां गंगा की डोली यात्रा मुखबा पहुंची, जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया गया.

गंगोत्री धाम और केदारनाथ धाम के अलावा यमुनोत्री धाम के भी कपाट रविवार को बंद कर दिए गए. तुंगनाथ धाम के कपाट मंगलवार ( 4 नवंबर) को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर (रविवार) को विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे.

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