Krishna Janmashtami 2024: देशभर में बड़ी धूमधाम से कृष्ण जनमोत्वस मनाया जा रहा है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे इस दिन धनिया पंजीरी के भोग का क्या है महत्व.
26 August, 2024
Krishna Janmashtami 2024: देशभर में 26 अगस्त, सोमवार को बड़ी धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. कृष्ण भक्त हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं. जन्माष्टमी के पर्व को कृष्ण जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. अक्सर आपने देखा होगा कि कान्हा के भोग में धनिया पंजीरी बनाई जाती है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे इस दिन धनिया पंजीरी के भोग का क्या है महत्व.
धार्मिक महत्व
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी को खासतौर पर धनिया पंजीरी का भोग लगाया जाता है. दरअसल, कृष्ण कन्हैया को धनिया पंजीरी बेहद प्रिय है इसलिए इस दिन प्रसाद के रूप में धनिए की पंजीरी बनाई जाती है. धनिए की पंजीरी को मंदिरों में सदियों से चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है. भोग लगाने के बाद धनिया पंजीरी के प्रसाद को लोगों में बांटा जाता है. मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस प्रसाद को ग्रहण करता है उस पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है. वहीं, इसी प्रसाद को खाकर श्रृद्धालुजन अपना व्रत खोलते हैं.
आयुर्वेदिक महत्व
जन्माष्टमी का त्योहार हर साल मॉनसून में आता है. बदलते मौसम के चलते इस दौरान लोगों को पित्त, वात, कफ और वायरल जैसी समस्याएं आसानी से लग जाती हैं. ऐसे में धनिए के सेवन से इन सारी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. दरअसल, धनिए में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो शरीर को हेल्दी रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाने का काम करता है. यही वजह है कि जन्माष्टमी के भोग में धनिया पंजीरी बनाई जाती है.
इन भोग का भी है महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी के अलावा माखन और मिश्री के भोग का भी बेहद महत्व है. कृष्ण जन्मोत्सव पर कान्हा को 56 भोग लगाए जाते हैं. यह एक भव्य त्योहार है जो न सिर्फ भारत बल्कि विदेश में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.