Home Religious Jhandewalan Mandir: ये हैं दिल्ली के झंडेवालान मंदिर की 5 विशेषताएं, जानिए कैसे पड़ा नाम

Jhandewalan Mandir: ये हैं दिल्ली के झंडेवालान मंदिर की 5 विशेषताएं, जानिए कैसे पड़ा नाम

by Pooja Attri
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Delhi Jhandewalan Temple: ये एक सिद्धपीठ है, जहां झंडेवाली माता निवास करती है ये मंदिर दिल्ली के मध्य में स्थित है. इस मंदिर का इतिहास 100 साल पुराना है. दिल्ली के पहाड़गंज में मौजूद इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है.

19 April, 2024

Jhandewala Devi Mandir: झंडेवालान मंदिर राजधानी दिल्ली में स्थित एक सिद्धपीठ है. ये प्राचीन मंदिर मां झंडेवाली को समर्पित है जो झंडेवालान रोड, करोल बाग में मौजूद है. ये मंदिर शक्ति का प्रतीक होने के साथ-साथ बहुत फेमस भी है. पूरे साल मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों और श्रृद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. मान्यतानुसार, मां झंडेवाली के दर्शन मात्र से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.

कब खुलते हैं कपाट

ये एक सिद्धपीठ है, जहां झंडेवाली माता निवास करती है ये मंदिर दिल्ली के मध्य में स्थित है. इस मंदिर का इतिहास 100 साल पुराना है. दिल्ली के पहाड़गंज में मौजूद इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. मंदिर के कपाट सुबह 5 बजे खुलते ही दर्शन के लिए भक्तों की लाइनें लगने लगती हैं. रोजाना कम से कम 2 हजार लोग यहां दर्शन करने आते हैं.

दर्शन का समय

इस मंदिर में हर मौसम के हिसाब से दर्शन का समय भी अलग-अलग होता है. ये मंदिर गर्मी के मौसम में सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक खुलता है. वहीं सर्दियों में सुबह 5 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजे तक और शाम के समय 4 बजे से लेकर रात9 बजकर 30 मिनट तक खुलता है. यहां सुबह 5 बजे मंगल आरती होती है जिसमें ड्राई फ्रूट्स का भोग लगाया जाता है. फिर मां के श्रृंगार के बाद सुबह 9 बजे आरती की जाती है. फिर रात 8 बजे आरती की जाती है. यहां की आरती आप मंदिर के youtube चैनल पर लाइव भी देख सकते हैं.

इतिहास

100 साल से भी पहले की बात है जब दिल्ली के एक बिजनेसमैन श्री बद्री भगत को मां ने सपने में दर्शन दिए और कहा, इस बंजर जमीन पर तुम्हें मेरी एक मूर्ति मिलेगी. साथ ही वहां एक झंडा भी होगा. फिर व्यापारी द्वारा ढूंढ़ने पर उसको झंडे के नीचे एक मूर्ति मिली. फिर इस मूर्ति की यहां स्थापना की गई, तब से ये मंदिर झंडेवालान के नाम से जाना जाने लगा. इस मंदिर में हनुमानजी, भगवान गणेश, शिवलिंग और सरस्वती माता की मूर्ति भी स्थापित है. ऐसा बताया जाता है कि व्यापारी द्वारा प्राप्त मां की मूर्ति खंड़ित थी और खंड़ित मूर्ति को स्थापित नहीं किया जाता. लेकिन इस मूर्ति को स्थापित किया गया क्योंकि मां स्वयं वहां प्रकट हुईं थी.

यह भी पढ़ें: Birla Temple: ये हैं दिल्ली के बिड़ला मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें जो नहीं जानते होंगे आप

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