Home Religious आज का पंचांग, 23 अप्रैल 2025, वैशाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर जानिए शुभ-अशुभ योग

आज का पंचांग, 23 अप्रैल 2025, वैशाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर जानिए शुभ-अशुभ योग

by Rishi
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Aaj Ka Panchang: सूर्योदय प्रातः 5:48 बजे और सूर्यास्त सायं 6:52 बजे होगा. चन्द्रोदय अगली सुबह 3:21 बजे तथा चन्द्रास्त दोपहर 2:05 बजे का समय बताया गया है.

Aaj Ka Panchang: 23 अप्रैल 2025, बुधवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि का विशेष महत्व है. विक्रम संवत 2082 कालयुक्त और शक संवत 1947 विश्वावसु के अनुसार आज का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण संयोगों से युक्त है. चन्द्रमास वैशाख पूर्णिमान्त है, वहीं अमान्त चन्द्रमास के अनुसार यह चैत्र मास की दशमी तिथि मानी जाती है. आज चन्द्रमा कुम्भ राशि में स्थित है और धनिष्ठा नक्षत्र से दिन की शुरुआत हो रही है जो दोपहर 12:07 बजे तक रहेगा, उसके पश्चात शतभिषा नक्षत्र प्रभाव में आ जाएगा.

सूर्योदय प्रातः 5:48 बजे और सूर्यास्त सायं 6:52 बजे होगा. चन्द्रोदय अगली सुबह 3:21 बजे तथा चन्द्रास्त दोपहर 2:05 बजे का समय बताया गया है. तिथि दशमी है जो सायं 4:43 बजे तक प्रभावी रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि का प्रवेश होगा. विशेष बात यह है कि आज भद्रा काल भी प्रातः 5:48 से सायं 4:43 बजे तक है, जो कि शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है. वहीं आज पंचक भी पूरे दिन जारी रहेगा, जिससे विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

दिन के शुभ योगों की बात करें तो आनंदादि योग में मित्र योग दोपहर 12:07 बजे तक रहेगा, जो कि अत्यंत शुभ फलदायक होता है. तमिल योगों में अमृत योग दोपहर 12:07 बजे तक प्रभावी रहेगा. दिन के अन्य योगों में शुक्ल योग शाम 6:51 बजे तक रहेगा जो कि सौभाग्य और सफलता का सूचक है. करण की बात करें तो दिन की शुरुआत विष्टि करण से होगी जो सायं 4:43 बजे तक रहेगा, फिर बव और बालव करण प्रभाव में आएंगे.

शुभ मुहूर्त की दृष्टि से आज ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:20 से 5:04 बजे तक रहेगा, जबकि प्रातः सन्ध्या 4:42 से 5:48 बजे तक मानी गई है. विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 से 3:23 बजे तक रहेगा, वहीं गोधूलि मुहूर्त सायं 6:50 से 7:12 बजे तक अत्यंत शुभ माना गया है. लेकिन आज अभिजित मुहूर्त नहीं है. अमृत काल की बात करें तो यह मुहूर्त अगले दिन प्रातः 4:01 से 5:31 बजे तक प्रभावी रहेगा.

वहीं अशुभ समय में राहुकाल दोपहर 12:20 से 1:58 बजे तक रहेगा, यमगण्ड काल 7:26 से 9:04 बजे तक, और गुलिक काल 10:42 से 12:20 बजे तक रहेगा. इसके अलावा दुर्मुहूर्त का समय 11:53 से 12:46 बजे तक बताया गया है. वर्ज्य काल सायं 6:56 से 8:27 बजे तक है.

तिथिदशमी – 04:43 PM तक, फिर एकादशी
पक्षकृष्ण पक्ष
मास (चन्द्र)वैशाख – पूर्णिमान्त / चैत्र – अमान्त
विक्रम संवत2082 कालयुक्त
शक संवत1947 विश्वावसु
राशि (चन्द्र)कुम्भ
राशि (सूर्य)मेष
नक्षत्रधनिष्ठा – 12:07 PM तक, फिर शतभिषा
योगशुक्ल – 06:51 PM तक
करणविष्टि – 04:43 PM तक, फिर बव, बालव
सूर्योदय05:48 AM
सूर्यास्त06:52 PM
चन्द्रोदय03:21 AM (24 अप्रैल)
चन्द्रास्त02:05 PM
ऋतु (द्रिक)ग्रीष्म
ऋतु (वैदिक)वसंत
अयन (द्रिक/वैदिक)उत्तरायण
दिनमान13 घंटे 04 मिनट
रात्रिमान10 घंटे 55 मिनट
शुभ मुहूर्तब्रह्म मुहूर्त: 04:20 – 05:04 AM
विजय मुहूर्त: 02:30 – 03:23 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:50 – 07:12 PM
अमृत काल04:01 – 05:31 AM (24 अप्रैल)
अशुभ समयराहुकाल: 12:20 – 01:58 PM
यमगण्ड: 07:26 – 09:04 AM
गुलिक काल: 10:42 – 12:20 PM
दुर्मुहूर्त: 11:53 – 12:46 PM
वर्ज्य: 06:56 – 08:27 PM
भद्रा05:48 AM – 04:43 PM
पंचकपूरे दिन
बाणरोग – 08:33 AM तक
होमाहुतिराहु
दिशा शूलउत्तर दिशा
आनन्दादि योगमित्र – 12:07 PM तक
तमिल योगअमृत – 12:07 PM तक

आज दिशा शूल उत्तर दिशा में रहेगा, अतः इस दिशा में यात्रा से यथासंभव परहेज करना चाहिए या फिर तुलसी के पत्ते लेकर यात्रा शुरू करें. बाण रोग में है जो प्रातः 8:33 बजे तक रहेगा, इसका प्रभाव स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में देखा जा सकता है. होमाहुति राहु के अधीन है, अतः आज हवन आदि कार्यों में विशेष सतर्कता आवश्यक है.

ऋतु की दृष्टि से द्रिक गणना अनुसार ग्रीष्म ऋतु और वैदिक गणना अनुसार वसंत ऋतु चल रही है. द्रिक अयन और वैदिक अयन दोनों ही उत्तरायण में हैं. आज दिनमान 13 घंटे 4 मिनट का रहेगा जबकि रात्रि 10 घंटे 55 मिनट की होगी. यह दिन शनि की राशि कुम्भ में चंद्रमा के संचार तथा सूर्य के मेष राशि में स्थित होने के कारण भी ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष है.

आज का दिन व्रत, साधना, तपस्या एवं गूढ़ अध्ययन के लिए उपयुक्त है. पंचक काल और भद्रा के चलते धार्मिक अनुष्ठानों, विवाह, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है. ग्रहों की चाल और योगों के संयोजन से यह दिन एक ओर जहां साधकों को गहराई में उतरने का अवसर प्रदान करता है, वहीं कर्मयोगियों के लिए भी यह आत्मविश्लेषण और सुधार का उत्तम समय है.

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