Vat Savitri Puja: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत त्योहार का विशेष महत्व है. हर विवाहिता पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती है. हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ये पर्व मनाया जाता है.
06 June, 2024
Vat Savitri Vrat 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज समेत पूरे देश में गुरुवार सुबह में सुहागिनों ने वट सावित्री का व्रत रखा और पति की लंबी उम्र की कामना की. महिलाओं ने सुबह जल्दी उठकर बरगद के पेड़ की पूजा की. उन्होंने व्रत भी रखा. एक महिला ने पीटीआई वीडियो को बताया कि ये व्रत पतियों के लिए किया जाता है. माता सती ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखा था. हर विवाहिता पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती है. हिंदू धर्म में इस त्योहार की खास अहमियत है. ये हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है.
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत की पूजा में बरगद का पेड़ बहुत महत्व रखता है. इस दिन का पूजन बरगद के पेड़ के नीचे की जाती है. ये व्रत सत्यवान और सावित्री की पौराणिक कथा से जुड़ा है, जिसमें सावित्री द्वारा अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस प्राप्त किया था. ये व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है बल्कि भारतीय समाज और संस्कृति में औरतों की स्थिति को भी दर्शाता है. वट सावित्री व्रत सुहागन औरतों के लिए एक धार्मिक पर्व की तरह है.
क्यों रखा जाता है वट सावित्री का व्रत
पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है वट सावित्री का व्रत. पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन व्रत धारण करने से पति की आयु लंबी होती है. साथ ही पति रोगमुक्त रहता है और जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है. इससे पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं और कथा सुनकर व्रत रखती हैं.
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