Home RegionalMaharashtra Baramati सीट पर हाई वोल्टेज लड़ाई! दीवाली पर भी नहीं मिले पवार परिवार के दिल

Baramati सीट पर हाई वोल्टेज लड़ाई! दीवाली पर भी नहीं मिले पवार परिवार के दिल

by Divyansh Sharma
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Baramati: बारामती सीट पर अजीत पवार और शरद पवार के पोते युगेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं. इसका असर दीवाली समारोह में भी देखने को मिला.

Baramati: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में सिर्फ 18 दिन ही बचे हैं. इससे पहले सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है. वहीं, इस चुनाव में कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

इसमें से एक विधानसभा सीट है बारामती विधानसभा. इस सीट पर परिवार के दो सदस्य आमने-सामने हैं. बारामती सीट पर NCP- शरद की ओर से शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार को प्रत्याशी घोषित किया गया है.

वहीं, NCP-अजीत की ओर से खुद पार्टी प्रमुख अजीत पवार चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इस पारिवारिक लड़ाई का असर दीवाली समारोह में भी देखने को मिल रहा है.

Baramati: 20 नवंबर को होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट के बाद से यह पहली बार है कि शरद पवार और अजीत पवार ने दीवाली का कार्यक्रम अलग-अलग आयोजित किया है.

अजीत पवार की ओर से शनिवार को बारामती में अपने गांव काटेवाड़ी में दीवाली पड़वा उत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय निवासियों और NCP-अजीत गुट के नेताओं और पदाधिकारियों से बातचीत की.

वहीं, NCP के अध्यक्ष शरद पवार की ओर से यह आयोजन गोविंदबाग में बने उनके आवास के पास था. इसमें पार्टी के नेता समेत विपक्षी दलों के दिग्गज नेता भी शामिल हुए.

बता दें कि पिछले साल जुलाई में NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विभाजन से पहले अजीत पवार शरद पवार की ओर से आयोजित गोविंदबाग के कार्यक्रम में शामिल होते थे.

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Baramati: शरद पवार पर परिवार में फूट डालने का आरोप

बारामती विधानसभा सीट पर अजीत पवार ने नामांकन दाखिल करने से पहले कहा था कि जानबूझकर उनके खिलाफ शरद पवार ने प्रत्याशी घोषित किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार ने परिवार में फूट डाली है. उन्होंने कहा कि पहले मैंने भी गलती की, लेकिन अब दूसरे लोग भी गलती कर रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा था कि राजनीति को इतने निचले स्तर पर नहीं लाया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि परिवार की कई पीढ़ियों को एक होने में समय लगता है और परिवार को तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता है.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने शरद पवार की बेटी और अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को टिकट दिया था, जिसमें सुनेत्रा चुनाव हार गई. इसे लेकर परिवार में विवाद बढ़ गया था.

अब इसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है.

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