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Haryana में चुनाव से पहले BJP के सामने ‘महापंचायत’ की चुनौती, किसानों को कैसे साधेगी नायब सरकार?

by Divyansh Sharma
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Haryana में चुनाव से पहले BJP के सामने 'महापंचायत' की चुनौती, किसानों को कैसे साधेगी नायब सरकार?- Live Times

Haryana Assembly Election: हरियाणा कृषि कानूनों (अब रद्द किए गए) के खिलाफ साल 2020-21 के किसानों के विरोध का प्रमुख केंद्र था. ऐसे में यह सवाल बड़ा बन गया है कि किसानों का इस चुनाव में क्या रोल होगा.

18 August, 2024

Haryana Assembly Election: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होगा और 4 अक्टूबर को नतीजे जारी होंगे. इससे पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. किसानों को साधने के लिए हर दल की ओर से कोशिशें तेज हो गई हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कुछ दिन पहले ही 5 लाख से ज्यादा किसानों के लिए 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस की पहली किस्त जारी की है. वहीं, कांग्रेस ने किसानों को MSP की कानूनी गांरटी देने के मुद्दे पर हमलावर है. बता दें कि हरियाणा कृषि कानूनों (अब रद्द किए गए) के खिलाफ साल 2020-21 के किसानों के विरोध का प्रमुख केंद्र था. ऐसे में यह सवाल बड़ा बन गया है कि किसानों का इस चुनाव में क्या रोल होगा.

’15 सितंबर को जींद की उचाना मंडी में महापंचायत’

न्यूज एजेंसी PTI से मिली जानकारी के मुताबिक, किसान समूहों ने एक बार फिर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ अपना विरोध जताया है. इसी के साथ MSP की कानूनी गांरटी जैसे मुद्दों को लेकर महापंचायतों की शुरूआत करने वाले हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) 15 सितंबर को जींद की उचाना मंडी में महापंचायत करेगी और इसके बाद 22 सितंबर को कुरक्षेत्र के पीपली में महापंचायत होगी. महापंचायतों के जरिए BJP को घेरने की कोशिश होगी. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान BJP को हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में हार का सामना करना पड़ा.

‘हरियाणा के ग्रामीण इलाकों के किसानों के मुद्दे अहम’

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा है कि साल 2020-21 और इस साल 13 फरवरी को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने लोगों के बीच जागरूकता पैदा की है. किसान और मजदूर उन मुद्दों पर वोट कर रहे हैं, जो उन्हें प्रभावित करते हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना जैसे मुद्दे हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए अहम हैं. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना जारी रहने के बीच उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर किए गए अत्याचार को भुलाया नहीं गया है. किसानों पर की गई हिंसा और अत्याचार लोगों के दिमाग में है और वह इस चुनाव में BJP को सबक सिखाएंगे.

किसान मजदूर महापंचायत का होगा आयोजन

हरियाणा में अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सुमित सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी चुनावों में किसानों के मुद्दे हावी रहेंगे. उन्होंने कहा कि 1 से 10 सितंबर के बीच ‘किसान मजदूर महापंचायत’ आयोजित करने की भी योजना है. इस पर अंतिम निर्णय 20 अगस्त को हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा. उन्होंने कहा, हम किसी पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख और संयुक्त संघर्ष पार्टी के संस्थापक किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी कहा कि लोग BJP के खिलाफ हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी BJP के खिलाफ वोट बंट सकते हैं.

यह भी पढ़ें: अब तक कौन-कौन बना है हरियाणा का मुख्यमंत्री, कब हुआ गठन; जानिए इसका इतिहास

‘किसानों को 2 हजार रुपये दिया बोनस के रूप में’

इन सब के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी किसानों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हरियाणा के 5 लाख 20 हजार किसानों के बैंक खातों में 525 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई. इस दौरान उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और केंद्र-राज्य दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी, तब स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं किया. कांग्रेस की मंशा कभी भी किसानों का भला करने की नहीं थी. इनकी सोच भ्रष्टाचार करके किसानों की जमीन और पैसे हड़पने की थी. हमारी कैबिनेट ने फैसला लिया था कि हम किसानों को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ बोनस के रूप में देंगे और आज पहली किस्त जारी की है.

1 अक्टूबर को मतदान होंगे, 4 अक्टूबर को नतीजे

बता दें कि, इस बार जहां लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उत्साह से लबरेज कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे रही है, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी घोषणा की है कि वह सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (INLD) भी मैदान में है. INLD ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन किया है. दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP), जो इस साल मार्च तक बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, वह भी चुनाव में अकेले ताल ठोक सकती है. ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प हो गया है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव 1 अक्टूबर को मतदान होंगे और नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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