Banking Facilities : केंद्र सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में बड़े बदलावों को लाने के लिए लोकसभा में बिल पेश किया. इस विधेयक के मुताबिक, एक बैंक खाते में अधिकतम चार लोगों के नाम जोड़े जा सकते हैं.
09 August, 2024
Banking Facilities : केंद्र सरकार ने लोकसभा में शुक्रवार (9 अगस्त, 2024) को ‘ग्राहकों की सुविधा’ को बढ़ाने के लिए बिल पेश किया है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने कहा कि बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 में बैंक खातों, लॉकरों में नामांकन का प्रावधान शामिल है. इस बिल के मुताबिक, एक बैंक खाते में अधिकतम चार लोगों के नाम जोड़े जा सकते हैं.
पांच विधेयकों में किया जाएगा संशोधन
विधेयक में लाभांश, शेयर और ब्याज या बांड में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPF) में ट्रांसफर कर सकता है. इस बिल से फंड को ट्रांसफर करने और धन वापसी की सुविधा भी मिलेगी. इसकी वजह से निवेशकों को फायदा मिलेगा. बैंकिंग क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए पांच अधिनियमों में सुधार करना समय की जरूरत है. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिल को अनुमोदित किया था, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन का प्रस्ताव है.
कांग्रेस ने बिल का किया विरोध
बिल का सीधा उद्देश्य जमाकर्ताओं और निवेशकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना, पब्लिक एरिया के बैंकों में ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार करना, ग्राहकों को सुविधा प्रदान करना और सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल में वृद्धि करना शामिल है. इसके अलावा, निदेशक पद के लिए ‘पर्याप्त ब्याज’ को पुन: परिभाषित करने से संबंधित है, जो वर्तमान सीमा 5 लाख रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है. इसे करीब 6 दशक पहले तय किया गया था. वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सहकारी समितियों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है.
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