Maharashtra Election 2024: NCP- शरद पवार की चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है.
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ दिन ही बचा है. इस बीच शरद पवार की अगुवाई वाली NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
दरअसल, NCP- शरद पवार की चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. साथ ही बताया है कि इसका इस्तेमाल फिलहाल कौन करेगा.
डिसक्लेमर प्रकाशित करने किए 36 घंटे का निर्देश
दरअसल, शरद पवार की अगुवाई वाली NCP ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अजीत पवार के अगुवाई वाली NCP की ओर से चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल पर एतराज जताया था.
इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया. जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जल भुइयां की पीठ ने इस पर निर्देश दिया कि विधानसभा चुनाव में अजीत पवार की अगुवाई वाली NCP चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल कर सकती है.
हालांकि, उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि अजीत पवार की NCP को मराठी समेत दूसरे अखबारों में डिसक्लेमर प्रकाशित कर यह बताना होगा कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अभी कोर्ट में विचाराधीन है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्देश की तामिल के लिए 36 घंटे का निर्देश दिया है.
वोटर्स पर ध्यान केंद्रित करने का दिया सुझाव
पीठ ने इस दौरान दोनों गुटों को वोटरों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देते हुए कहा कि कोर्ट में अपनी ऊर्जा बर्बाद न करे. वह वोटरों को साधने पर ध्यान दें.
हालांकि, शरद पवार गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न पिछले 30 वर्षों से शरद पवार और NCP से जुड़ा है.
वहीं, अजीत पवार गुट की ओर से पेश सीनियर अधिवक्ता बलबीर सिंह ने कहा कि पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए और नाम वापस लेने की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है.
ऐसे में शरद पवार गुट पूरी चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने फिलहाल अजीत पवार की NCP को चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल की इजाजत दी है.
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लोकसभा चुनाव से पहले भी उठ चुका है मुद्दा
बता दें कि यह मामला साल 2023 का है. NCP के अध्यक्ष पद न मिलने के कारण अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी. वह 40 विधायकों के साथ सत्तासीन महायुति गठबंधन में शामिल हो गए और NCP दो धड़ों में बंट गई.
इसके बाद चाचा भतीजे के बीच असली पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर विवाद बढ़ गया. इस विवाद को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने NCP (अजीत) को असली बताया और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी अजीत पवार को आवंटित कर दिया गया.
इस फैसले के खिलाफ शरद पवार ने लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि NCP (अजीत) को लोकसभा चुनाव में ‘घड़ी’ का इस्तेमाल न करने दिया जाए.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने डिसक्लेमर के साथ अजीत पवार को ‘घड़ी’ इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.
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