Maharashtra New CM: सवाल यह भी है कि अगर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री न बनाया गया, तो BJP को कितना नुकसान हो सकता है.
Maharashtra New CM: महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे आने के बाद से महायुति (BJP यानी भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना-शिंदे गुट और NCP यानी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी- अजीत गुट) के बीच सियासी हलचल तेज है.
मुख्यमंत्री पद को लेकर तीनों ही दलों के बीच बयानबाजी भी देखने को मिल रही है. इस बीच BJP कार्यकर्ता देवेंद्र फडणवीस के नाम पर जोर दे रहे हैं. वहीं, शिवसेना के नेताओं ने एकनाथ शिंदे का नाम आगे किया है.
ऐसे में यह सवाल अहम है कि अगर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री न बनाया गया, तो इससे BJP को कितना नुकसान हो सकता है. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक बैठकों का दौर जारी है.
40 विधायकों के साथ हुए थे शामिल
दरअसल, महायुति की जीत के बाद BJP फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. सूत्रों के मुताबिक BJP मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में कोई भी जल्दबाजी में कदम नहीं उठाना चाहती है.
इस बात के संकेत उस समय मिले, जब मंगलवार (26 नवंबर) को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कहा.
हालांकि, BJP की ओर से देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा जोरों पर है. वहीं, एकनाथ शिंदे के पास इस चुनाव में 57 विधायक हैं.
साल 2022 में जब वह शिवसेना से अलग हुए, तब उनके पास सिर्फ 40 विधायक ही थे. उस वक्त भी BJP के पाल कुल 105 विधायक थे. फिर भी BJP आलाकमान ने देवेंद्र फडणवीस को दरकिनार करते हुए एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था.
NCP-अजीत गुट ने किया इशारा
बता दें कि अगर BJP एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री नहीं बनाती है, तो उस स्थिति में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का कोई आधार ही नहीं रह जाएगा.
सियासी जानकारों के मुताबिक साल 2019 के चुनाव में जिस मुख्यमंत्री पद के लिए अविभाजित शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने NDA का साथ छोड़ा था, उसी कुर्सी को BJP आलाकमान ने समझौता कर एकनाथ शिंदे को सौंप दिया.
अब इस चुनाव में BJP को कुल 132, शिवसेना को 57 और NCP-अजीत गुट को 41 सीटें मिली हैं. वहीं, महाराष्ट्र में बहुमत का आंकड़ा 145 है. NCP-अजीत गुट ने इशारों ही इशारों में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह दी है.
ऐसे में BJP के पास एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की कोई मजबूरी नहीं है. हालांकि, पर्दे के पीछे भी बड़ी ताकत एकनाथ शिंदे के साथ खड़ी है, जो बार-बार BJP को एकनाथ शिंदे के नाम पर विचार करने पर कर मजबूर कर रही है.
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BMC चुनाव पर भी दिखेगा असर
पर्दे के पीछे उद्धव ठाकरे BJP को इस बात पर विचार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. हार के बाद भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने मुंबई में बेहतर प्रदर्शन किया है.
मुंबई की 36 सीटों में से 10 सीटों पर उद्धव ठाकरे के प्रत्याशी विजयी हुए हैं. वहीं, एकनाथ शिंदे को 6 और BJP को 14 सीटों पर जीत मिली है. ऐसे में उद्धव ठाकरे का किला तोड़ने के लिए कहीं न कहीं BJP को एकनाथ शिंदे की जरूरत है.
वहीं, मुंबई में विधानसभा चुनाव के बाद BMC यानी बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन का भी चुनाव होने वाला है. बता दें कि यह देश का सबसे अमीर और सबसे बड़ा निकाय है, जिस पर फिलहाल उद्धव गुट का दबदबा है.
ऐसे में उद्धव ठाकरे अपना दबदबा जारी रखने के लिए पूरजोर कोशिश करेंगे. वहीं, BJP को भी BMC चुनाव के लिए भी एकनाथ शिंदे की जरूरत है. अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि महायुति से किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
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