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Sambhal हिंसा में बड़ा खुलासा, तुर्कों-पठानों की लड़ाई बनी वजह! जानें क्या है वर्चस्व की लड़ाई

by Divyansh Sharma
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Sambhal Masjid Survey Violence Turks Pathans tension reason

Sambhal Masjid Survey Violence: रविवार को हुई झड़प में 4 लोगों की मौत के अब तुर्क और पठान समुदायों के बीच कथित प्रतिद्वंद्विता का मामला भी सामने आ रहा है.

Sambhal Masjid Survey Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में हर रोज कई तरह के खुलासे हो रहे हैं. इस हिंसा में एक नया एंगल भी सामने आया है.

रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 4 लोगों की मौत के बाद वर्चस्व की राजनीति के नए खुलासे ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं.

इस हिंसा में अब तुर्क और पठान समुदायों के बीच कथित प्रतिद्वंद्विता का मामला भी सामने आ रहा है. इस झड़प में तुर्कों और पठानों के विवाद को लेकर भी पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.

आबकारी मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप

दरअसल, उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री और BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के नेता नितिन अग्रवाल ने हिंसा के लिए दो समूहों के बीच वर्चस्व की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया था.

उन्होंने अपने X हैंडल के एक पोस्ट में लिखा कि संभल में हुई आगजनी और हिंसा वर्चस्व की राजनीति का परिणाम है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तुर्क-पठान विवाद ने शांति भंग की और कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए.

मंगलवार को भी उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इसी आरोप को दोहराया. उन्होंने कहा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी. उन्होंने फिर से दावा किया कि संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क तुर्क समुदाय के नेता हैं और पठान समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के नेतृत्व वाले समूहों के बीच की प्रतिद्वंद्विता के कारण ही हिंसा उपजी थी.

यह भी पढ़ें: Sambhal: विपक्ष ने हिंसा को बताया सुनियोजित, BJP ने नकारा; मामले पर जानें किसने क्या कहा

जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

बता दें कि संभल में तुर्क और पठान समुदाय के बीच काफी समय से प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली है. दोनों समुदायों के बीच काफी समय से तनाव भी देखने को मिलता रहा है.

हालांकि, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष असगर अली अंसारी ने दोनों समुदायों के नेताओं के बीच मतभेद के किसी भी दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप निराधार हैं. दोनों ही नेताओं ने चुनाव में एक-दूसरे का समर्थन किया है.

इन सब के बीच संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि 5 से 10 किलोमीटर के आसपास के इलाकों से लोगों के अचानक आने से हिंसा बढ़ गई.

मंगलवार को संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अभी तक इस मामले में सांसद जिया उर रहमान बर्क और सोहेल इकबाल समेत 2750 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

वहीं, तनाव के बीच 30 नवंबर तक जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

यह भी पढ़ें: Sambhal: खोदाई के नाम पर भड़की हिंसा या पहले से ही थी प्रदर्शन की तैयारी? पढ़ें बड़ा खुलासा

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