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Model Code of Conduct क्‍या है? किन-किन चीजों पर होती है पाबंदी; जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी

by Rashmi Rani
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Model Code of Conduct क्‍या है? किन-किन चीजों पर होती है पाबंदी; जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी

Model Code of Conduct : भारतीय निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है.

16 August, 2024

Model Code of Conduct : जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी और इसके नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. वहीं, हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा. भारतीय निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है. जैसे ही यह लागू होती है सभी सरकारी मशीनरी एक तरह से चुनाव आयोग के नियंत्रण में चली जाती है. लेकिन सावल है कि आखिर आदर्श चुनाव आचार संहिता क्‍या है और इसके क्या नियम है तो चलिए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं.

क्या होता आचार संहिता

देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है और इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है. चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन सरकार, नेता और राजनीतिक दलों को करना पड़ता है. अगर कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई करता है.

आचार संहिता कब होती है लागू

चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है. हर पांच साल में देश में लोकसभा चुनाव होते हैं. वहीं, विधानसभा चुनाव राज्यों में अलग-अलग समय पर होते रहते हैं.

आचार संहिता कब हटता है

आचार संहिता चुनावी प्रक्रिया के पूरे होने तक लागू रहती है. सीधे शब्दों में कहें तो मतगणना के बाद नतीजों की आधिकारिक घोषणा के बाद आचार संहिता हट जाती है.

क्या हैं नियम

  • आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, योजनाओं की घोषणा, परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं.
  • किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली, जुलूस या चुनावी सभा करना है तो उसके लिए पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
  • कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकता है. इसके साथ ही ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता जो धर्म या जाति के आधार पर मतभेद पैदा करता हो.
  • किसी की जमीन, घर, परिसर की दीवारों पर पार्टी के झंडे, बैनर आदि उसकी अनुमति के बिना नहीं लगाए जा सकते.
  • किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला चुनाव आयोग की इजाजत के बिना नहीं किया जा सकता है.

आचार संहिता क्यों है जरूरी?

आचार संहिता को लागू करवाने के लिए चुनाव आयोग प्रेक्षकों की मदद लेता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों की मदद चुनाव आयोग लेता है. इसके साथ ही रिटायर्ड अधिकारियों की तैनाती भी चुनाव आयोग करता है. चुनाव आचार संहिता निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है.

यह भी पढ़ें : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में जानिए कब होंगे चुनाव, कब आएगा परिणाम ; यहां देखें पूरी जानकारी

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