Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अपने व्यवहार से पक्ष और विपक्ष को साधने वाले अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीति का भीष्म पितामह कहा था.
16 August, 2024
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शुक्रवार को पुण्यतिथि मनाई जा रही है. शुक्रवार को प्रधानंमत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत देश के कई नेताओं और लोगों ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु 93 साल की आयु में हुई. उन्होंने दिल्ली के AIIMS में 6 अगस्त 2018 को आखिरी सांस ली. AIIMS में उनको 11 जून को यूरिन इन्फेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का बटेश्वर उनका पैतृक गांव था. वही बटेश्वर गांव, जो कभी डाकुओं के लिए के कारण कुख्यात था..
‘साहित्य के साथ-साथ वह ज्योतिष के भी अच्छे जानकार’
अपने व्यवहार से पक्ष और विपक्ष को साधने वाले अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीति का भीष्म पितामह कहा था. उनके पिता संस्कृत और साहित्य के विद्वान थे. ऐसे में उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता कृष्णा देवी से विरासत में उनको कविता और साहित्य मिला. इसी कारण वह कहते थे कि कविता उन्हें घुट्टी में मिली. उनके घर की बैठक में पुरानी किताबें भरी हुई थी. वह कहीं भी जाते थे, वहां से किताबें लेकर लौटते थे. साहित्य के साथ-साथ वह ज्योतिष के भी अच्छे जानकार थे. लोग उन्हें अपनी जन्मपत्री भी दिखाने के लिए आते थे. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें.
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भारतीय राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ की 10 दिलचस्प बातें
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को साल 1957 के चुनाव में किसी भी हाल में जीताने के लिए बतौर जनसंघ प्रत्याशी तीन अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ाया गया.
- अटल बिहारी वाजपेयी इकलौते ऐसे सांसद थे, जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात से निर्वाचित किया गया.
- राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र रहे पूर्व प्रधानमंत्री के पास पत्रकारिता की भी डिग्री थी. उन्होंने ‘पांचजन्य’ पत्रिका में बतौर सम्पादक भी काम किया. कई समाचार-पत्रों के सम्पादन में भी उनकी भूमिका अहम थी.
- अटल बिहारी वाजपेयी खाने के शौकिन थे. वह जिस शहर पहुंचते थे, वहां की सबसे फेमस डिश जरूर खाते थे. वह सदन की कैंटीन का खाना कभी नहीं खाते थे, क्योंकि उनके लिए घर से बना खाना ही आता था.
- अटल बिहारी वाजपेयी बेहद शांत स्वभाव के थे. अपने साथ काम करने वालों से वह कभी गुस्से में बात नहीं करते थे.
- अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1977 में सयुंक्त राष्ट्र की सभा में पहली बार हिंदी में भाषण दिया था. उनके पहले किसी भी नेता ने हिंदी में भाषण नहीं दिया था. सयुंक्त राष्ट्र में हिंदी को पहचान दिलाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ही थे.
- अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला. नौ बार लोकसभा के सांसद चुने गए. वह सबसे लंबे समय तक सांसद रहे. इसी के साथ जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद संभालने वाले वह पहले गैर कांग्रेसी बने.
- 11 मई, 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण किया. अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मच गया और कहा या कि भारत यह कैसे कर सकता है? इसी के साथ भारत पर ग्लोबल लेवल पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई. अग्नि-2 और परमाणु परीक्षण कर अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की सुरक्षा के लिए ठोस कदम भी उठाए.
- अटल बिहारी वाजपेयी ने माता-पिता के साथ अपनी पढ़ाई की. उन्होंने अपने पिता के साथ कानपुर के DAV कॉलेज से कानून की डिग्री ली थी.
- अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि रामचन्द्र वीर की कविता ‘अमर कीर्ति विजय पताका’ ने उनकी जिंदगी बदल दी.
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