Britain Riots: भारत भी ब्रिटेन में भड़की हिंसा को लेकर चिंतित है. लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारतीय पर्यटकों और वहां रहने वाले लोगों के लिए बड़ी एडवायरी जारी की है.
06 August, 2024
Britain Riots: ब्रिटेन में हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है. फेक न्यूज और गलत सूचना से भड़के दंगों की आग ब्रिटेन के रॉटरडैम और मैनचेस्टर सहित कई बड़े शहरों तक फैल गई है. 29 जुलाई को उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में तीन लड़कियों की हत्या के बाद से पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. भारत भी ब्रिटेन में भड़की हिंसा को लेकर चिंतित है. लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission In London) ने भारतीय पर्यटकों और वहां रहने वाले लोगों के लिए बड़ी एडवायजरी जारी की है.
उच्चायोग ने जारी किए नंबर
लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग ने एडवायजरी जारी कर कहा कि भारतीय यात्रियों को यूनाइटेड किंगडम के कुछ हिस्सों में हाल की गड़बड़ी के बारे में पता होगा. लंदन में भारतीय उच्चायोग स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. भारत से ब्रिटेन जाने वाले पर्यटकों को यात्रा करते समय अधिक सतर्क रहने और ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जारी स्थानीय समाचारों और सलाह का पालन करने की सलाह दी जाती है. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि जिन शहरों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है, उन क्षेत्रों में ना जाने की सलाह दी जाती है. साथ ही भारतीय उच्चायोग ने फोन नंबर +44 (0) 20 7836 9147 और Email- inf.london@mea.gov.in जारी कर उच्चायोग से संपर्क में रहने की सलाह दी.
PM ने की शांति की अपील
बता दें कि, 29 जुलाई को ब्रिटेन के लिवरपूल में तीन लड़कियों की हत्या कर दी गई. हत्या के बाद कहा गया कि चाकू से हमला करने वाला अली अल-शकाती नामक एक मुस्लिम आप्रवासी था. कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैल गई कि हत्याओं का इस्लामिस्ट कनेक्शन है और हमलावर शरणार्थी है. बाद में जांच में पता चला कि आरोपी का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने कहा कि दोनों ही बातें सच नहीं थी. पुलिस की जांच से पहले ही ब्रिटेन के कई इलाकों में हिंसा फैल चुकी थी. प्रदर्शनकारियों ने अबतक कई जगहों पर तोड़-फोड़ ओर हिंसक प्रदर्शन किए हैं. वहीं नव निर्वाचित प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी दो बार देश को संबोधित कर शांति की अपील की है. साथ ही फेक न्यूज से बचने का आग्रह किया है.
कौन है इस घटना के पीछे?
बता दें कि इस पूरे मामले में टॉमी रॉबिन्सन के नाम से मशहूर स्टीफन याक्सले-लेनन की भूमिका अहम मानी जा रही है. टॉमी रॉबिन्सन इस विरोध प्रदर्शनों में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं. इंग्लिश डिफेंस लीग ( EDL ) के पूर्व नेता रॉबिन्सन का इस तरह के विवादों और कानूनी मुद्दों से पुराना नाता रहा है. वह कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ब्रिटेन के लोगों की सक्रियता को प्रभावित करते रहे हैं. गौरतलब है कि साल 2018 में ट्विटर ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था. बाद में एलन मस्क ने जब ट्विटर का अधिग्रहण कर X के रूप में रीब्रांड किया तो उनका अकाउंट फिर से चालू कर दिया गया. उन्होंने इस घटना से जुड़े कई वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. साल 2011 के 13 साल बाद ब्रिटेन में यह सबसे बड़े दंगा है.