Raksha Bandhan 2024: हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में कुछ ऐसी जगह भी हैं, जहां पर इस पर्व को नहीं मनाया जाता है.
19 August, 2024
Raksha Bandhan 2024: भारत में धूमधाम से रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन अपने भाइयों की कलाई पर बहनें राखी बांधकर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं. हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत (India) में कुछ ऐसी जगह भी हैं, जहां पर इस पर्व को नहीं मनाया जाता है. लोग इस दिन को अशुभ या काला दिन मानते हैं. आइए जानते हैं इसकी कहानी
इस दिन को मानते हैं काला दिन
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में स्थित मुरादनगर में एक गांव ऐसा है जहां पर रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इस गांव का नाम सुराना है. सुराना में 12वीं सदी से रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता. गांव के लोग इस दिन को काला दिन मानते हैं. दरअसल 12वीं सदी में सुराना को सोनगढ़ के नाम से जाना जाता था. सैकड़ों साल पहले राजस्थान से पृथ्वीराज चौहान के वंशज यहां आए थे. इन्होंने हिंडन नदी के किनारे अपना गांव बसाया. जब इसकी जानकारी मोहम्मद गौरी को मिली तो उसने रक्षाबंधन वाले दिन गांव के लोगों पर हाथियों से हमला करवा दिया, जिसकी वजह से बहुत सारे लोग मारे गए. उस दिन से लेकर आज तक यहां पर रक्षाबंधन नहीं मनाया गया.
गोंडा के इस गांव में नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन
उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में भीकमपुर जगत पुरवा गांव है. यहां पर भी रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है. गांव के लोग अनहोनी होने की डर की वजह से करीब 6 दशकों से रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मना रहे हैं. बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं. गांव के लोग बताते हैं कि साल 1955 में एक बहन ने अपने भाई को राखी बांध दी थी और उसी दिन गांव में एक व्यक्ति की हत्या हो गई. उस दिन के बाद से गांव का कोई सदस्य इस त्योहार को नहीं मनाता.
पाली में भी नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन
उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान (Rajasthan) के पाली में भी रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाने की परंपरा है. यहां पर भी रक्षाबंधन को लेकर एक कड़वी याद जुड़ी हुई है. पाली के लोग बताते हैं कि 1230 ई. के आस-पास रक्षाबंधन के दिन मोहम्मद गौरी ने इस गांव पर हमला किया था. इस हमले में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद से ही लोगों ने रक्षाबंधन मनाना बंद कर दिया.