हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच चर्चाओं में बनीं शैलजा कुमारी का राजनीतिक सफर.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच शैलजा कुमारी काफी चर्चाओं में बनीं हुई हैं, उनके बयान ने प्रदेश कांग्रेस को हिलाकर रख दिया है!
हरियाणा विधानसभा
उन्होंने कहा था कि क्या हरियाणा में कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं होना चाहिए, इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा और शैलजा कुमारी आमने-सामने आ गए.
दलित मुख्यमंत्री
बता दें कि कुमारी शैलजा का जन्म दलित कांग्रेस नेता चौधरी दलबीर सिंह के यहां 24 सितंबर 1962 को हुआ था.
कुमारी शैलजा
उन्होंने अपना राजनीतिक जवीन महिला कांग्रेस से शुरू किया था और उसके बाद 1990 में इसकी अध्यक्ष बनीं.
राजनीतिक सफर
साल 1991 में हरियाणा के सिरसा में 10वीं लोकसभा के लिए चुनीं गईं और नरसिम्हा राव वाली कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री बनीं.
पहली बार बनीं राज्य मंत्री
साल 1996 में कांग्रेस की बुरी के बाद भी 11वीं लोकसभा में बड़े अंतरों से एक बार फिर जीतकर लोकसभा पहुंचीं.
लोकसभा पहुंचीं
2004 में 14वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद शैलजा ने इंटरनेशनल सम्मलनों में सक्रिय भाग लिया.
इंटरनेशनल सम्मेलन
2009 में अंबाला लोकसभा के लिए जाने के बाद उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नियुक्त किया गया.
2009 में केंद्रीय मंत्री
साल 2019 में अंबाला से आम चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहीं और उसी साल उन्हें हरियाणा इकाई का अध्यक्ष चुना गया.
असफल रहीं