PM Modi Mauritius Visit : पीएम मोदी मॉरीशस की यात्रा पहुंचे हैं और यहां पर वह राष्ट्रीय दिवस में समारोह होंगे. साथ ही इस दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी ताकि मॉरीशस में निवेश को बढ़ाया जा सके.
PM Modi Mauritius Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिन के दौरे पर मॉरीशस की यात्रा पर पहुंच गए हैं. वह पड़ोसी मुल्क मॉरिशस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम के न्योते पर पहुंचे हैं. यहां पर पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अतिथि के रूप में शामिल होंगे और इसका राष्ट्रीय दिवस 12 मार्च को मनाया जाता है. इसी बीच मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल भारत को काफी आशाभरी नजरों से देख रहा हैं क्योंकि उनको उम्मीद है कि भारतीय निवेशक मॉरिशस में इन्वेस्ट करने के लिए काफी रूचि दिखाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि मॉरीशस भारत के साथ दोहरे कराधान से बचाव संधि (DTAC) समेत अपने व्यापार समझौते को मजबूत करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे.
FDI को बढ़ाने पर होगा मॉरिशस का ध्यान
धनंजय रामफुल ने कहा कि आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते पर जोर देने की बात कही ताकि हमारे देश में निवेश करने के लिए भारत काफी आकर्षित हो सके. उन्होंने बताया कि साल 2016 के बाद कई संधियों में संशोधन होने के बाद से द्वीपीय देश से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में तेजी से कमी आई है. धनंजय रामफुल ने आगे कहा कि DTAC को लेकर अभी तेजी से चर्चा चल रही है और इन दोनों मुद्दों पर गंभीरता के साथ विचार विमर्श करने के बाद सुलझाया जाना चाहिए. विदेश एवं व्यापार मंत्री ने घोषणा की कि CECPA और DTAC पर एक बार फिर से विचार करने के लिए एक संयुक्त समिति का दूसरा सत्र जल्द बुलाया जाएगा. ताकि दोनों देशों के बीच में व्यापार असंतुलन और कराधान के मुद्दों को हल किया जा सके.

2016 की संधि के बाद घटा निवेश
आपको बताते चलें कि साल 2000 में मॉरीशस ने भारत में कुल 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI निवेश किया था जो कि इंडिया के कुल FDI प्रवाह का 25 प्रतिशत है. हालांकि, साल 2016 में संशोधन का प्रावधान किया गया ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके. लेकिन मामला थोड़ा उलटता चला गया FDI का प्रवाह जहां पर 2016-17 में 15.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर था वो 2022-23 में 6.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. इस गिरावट के बावजूद मॉरीशस 2022-23 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा FDI स्रोत बना रहा है. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में मॉरीशस से FDI इक्विटी प्रवाह बढ़कर 7.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया और उसके बाद सिंगापुर के बाद भारत में FDI का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया.
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